मुंबई. कोरोना वायरस की वैक्सीन आने में यदि अधिक दिन लगते हैं, तो इसका सीधा असर भारत की इकॉनमी पर पड़ सकता है. अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकिंग कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के अनुसार, यदि वैक्सीन आने में अधिक समय लगा तो भारतीय इकॉनमी के 2020-21 में 7.5 फीसद तक सिकुड़ने का अनुमान है. हालांकि, परिस्थितियां यदि उम्मीद के अनुसार रहती हैं तो तब ब्रोकिंग कंपनी ने भारतीय इकॉनमी में चार प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया गया है.
कंपनी के अर्थशास्त्रियों ने एक सप्ताह के अंदर ही देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि को लेकर अपने अनुमान में बदलाव किया है. रिपोर्ट के अनुसार, देश में आर्थिक गतिविधियों में आई गिरावट की वजह से यदि उम्मीद के अनुरूप स्थिति रहती है तब भी अर्थव्यवस्था 4 प्रतिशत सिकुड़ सकती है. हालांकि, इससे पहले कई विश्लेषकों ने भारतीय इकॉनमी में मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान पांच प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान जताया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस का टीका खोजे जाने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों जगहों पर कई स्तरों पर कोशिशें की जा रही हैं. किन्तु वैक्सीन तैयार होने को लेकर अभी तक किसी समयसीमा का ऐलान नहीं किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यदि ग्लोबल इकॉनमी को कोविड-19 के वैक्सीन की प्रतीक्षा एक साल तक करनी पड़ती है, तो देश की वास्तविक जीडीपी 7.5 फीसद तक गिर सकती है.’
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