बात फरवरी 2018 की है जब आदित्य बिरला आइडिया पेमेंट्स बैंक को पेमेंट्स बैंकिंग परिचालन की सहमति भारतीय रिजर्व बैंक से मिली थी। अब यह बैंक अपना कारोबार समेटने की तैयारी कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि आदित्य बिरला आइडिया पेमेंट्स बैंक स्वेच्छा से अपना कारोबार बांध रही है और लिक्विडेशन की तैयारी कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, 'हम सलाह देते हैं कि आदित्य बिरला आइडिया पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के स्वेच्छा से कारोबार समेटने को लेकर बांबे हाई कोर्ट ने 18 सितंबर 2019 को एक आदेश पारित किया था।'
RBI ने कहा कि बांबे हाई कोर्ट ने डेलॉयट टूश तोमात्सु इंडिया एलएलपी के सीनियर डायरेक्टर विजयकुमार वी. अय्यर को इसके लिए लिक्विडेटर नियुक्त किया है। इस साल जुलाई में आदित्य बिरला आइडिया पेमेंट्स बैंक ने 'अप्रत्याशित घटनाक्रमों' के कारण अपना कारोबार समेटने का एलान किया थी। बैंक ने कहा था कि इसका इकोनॉमिक मॉडल 'अव्यवहार्य' है।
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले चार पेमेंट्स बैंक पहले ही अपना कारोबार समेट चुके हैं। इससे पहले टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी और दिलीप सांघवी का एक कंशोर्सियम, आइडीएफसी बैंक लिमिटेड और टेली नॉल फाइनेंशियल सर्विसेज ने पेमेंट्स बैंकिंग के क्षेत्र से बाहर होने की घोषणा दी गई थी।
आदित्य बिरला आइडिया पेमेंट्स बैंक ने ऑफिशियल वेबसाइट www.adityabirla.bank पर अपने कारोबार को समेटने की जानकारी दी गई थी। बैंक ने अपने उपभोक्ता से कहा है कि हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि बैंक ने आपके डिपॉजिट की वापसी के लिए पूरी व्यवस्था की है।
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