महात्मा गांधी के प्रपौत्र यानी परपोते तुषार गांधी ने हाल ही में फिल्म निर्माता राजकुमार संतोषी की पीरियड ड्रामा 'गांधी गोडसे-एक युद्ध' पर प्रतिक्रिया भी दे दी है। बता दें की ये मूवी इंडियन हिस्ट्री के एक वैकल्पिक वर्जन पर आधारित है जहां नाथूराम गोडसे, महात्मा गांधी की हत्या की कोशिश से बच जाते हैं और बाद में जेल में उनसे मिलने जाते हैं। मूवी के बारे में बात करते हुए तुषार ने बोला है कि वह इस प्रयास से हैरान नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका ऐसी फिल्म देखने का इरादा नहीं है, जो 'हत्यारों का महिमामंडन करती हो।'
वर्ष 1947-48 के स्वतंत्रता के उपरांत के इंडिया में सेट 'गांधी गोडसे-एक युद्ध' (Gandi Godse Ek Yudh) नाथूराम गोडसे और महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बीच युद्ध पर केंद्रित होने वाली है। 1948 में गांधी को गोली मारने के उनकी वजहों का खुलासा करते हुए फिल्म गोडसे के तर्क के पक्ष को दिखाती है। फिल्म के ट्रेलर ने दोनों की घटनापूर्ण मुलाकात की झलक भी पेश कर दी है।
सोचा गया गेम प्लान- तुषार: इस बारें में उन्होंने आगे बोला है कि 'यह एक बहुत अच्छी तरह से सोचा गया गेम प्लान है और इन सभी कैरेक्टर्स को दिखाने के लिए ये रोल दिया गया है और उन्होंने अपनी कतारों और अपनी समयसीमा के हिसाब से रोल को अदा किया है। उसी निर्देशक ने अपनी मूवी भगत सिंह में बापू को बहुत गलत तरीके से दिखाया, इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि वह गोडसे का महिमामंडन करने वाली मूवी बनाने वाले है।'
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