आप सभी को बता दें कि हर साल बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में इस पर्व का हिंदू धर्म के लोगो और विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व होता हैं। ऐसे में यह पर्व विद्या की देवी मां सरस्वती का दिन माना जाता हैं और इस साल 29 जनवरी 2020 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाने वाला है। जी हाँ, आपको बता दें कि यह पर्व हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता हैं। जी दरअसल ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था और अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म कैसे हुआ था। आइए जानते हैं।
माँ सरस्वती का जन्म- 'स्वयं श्री कृष्ण ने कहा है की ऋतुओं में मैं बसंत हूं।' ऐसी मान्यता हैं कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान श्री हरि की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की। मगर अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगता था। कि कुछ कमी रह गई हैं, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता हैं। भगवान विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का। पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति पाकटय हुई। यह प्राकटय एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था। जिसके एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ वर मुद्रा में थे। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी।
वही ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया जैसे ही देवी मां ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई। संसार के जीव जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई। तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा। मां सरस्वती विद्या और बुद्धि प्रदान करती हैं बसंत पंचमी के दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी। इसी वजह से बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती का पूजन होता है।
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