बंसत पंचमी का पर्व हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है। यह पर्व मां सरस्वती को प्रसन्न करने का दिन माना जाता है। इस साल यह पर्व 16 फरवरी यानी मंगलवार को मनाया जाने वाला है। आप सभी जानते ही होंगे वीणावादिनी मां शारदा का स्वरूप बहुत सौम्य है और उनके लिए जपे जाने वाले मन्त्रों को भी दिव्य माना जाता है। कहा जाता है बंसत पंचमी के दिन कुछ मंत्रों को पूर्ण श्रद्धापूर्वक पढ़ने से बल, विद्या, बुद्धि, तेज और ज्ञान की प्राप्ति होती है। अब आज हम आपको कुछ मंत्र बताने जा रहे हैं जिसका जाप आप आने वाली बसंत पंचमी के दिन कर सकते हैं। इससे आपको बड़े लाभ होंगे।
माँ सरस्वती के मंत्र-
* 'ऎं ह्रीं श्रीं वाग्वादिनी सरस्वती देवी मम जिव्हायां। सर्व विद्यां देही दापय-दापय स्वाहा।'
* 'सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।
वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।'
* एकादशाक्षर सरस्वती मंत्र : ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
* 'वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणी विनायकौ॥'
अर्थातः अक्षर, शब्द, अर्थ और छंद का ज्ञान देने वाली भगवती सरस्वती तथा मंगलकर्ता विनायक की मैं वंदना करता हूं। - श्रीरामचरितमानस
बसंत पंचमी का दिन शिव पूजन के लिए भी विशेष माना जाता है। जी दरअसल इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करना शुभ होता है।
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