आप सभी को बता दें कि इस साल यानी साल 2019 में बसंत पंचमी 10 फरवरी को मनाई जाने वाली है. ऐसे में सिर्फ इस एक विद्या मंत्र से 14 दिनों में आप मनचाही सफलता पा सकते हैं. इस मन्त्र को हम पुराणों से लेकर आए हैं. आइए जानते हैं मन्त्र और उसका हिंदी अर्थ.
घंटाशूलहलानि शंखमुसले चक्रं धनु: सायकं हस्ताब्जैर्दघतीं धनान्तविलसच्छीतांशु तुल्यप्रभाम्।
गौरीदेहसमुद्भवा त्रिनयनामांधारभूतां महापूर्वामत्र सरस्वती मनुमजे शुम्भादि दैत्यार्दिनीम्।।
हिन्दी अर्थ : स्वहस्त कमल में घंटा, त्रिशूल, हल, शंख, मूसल, चक्र, धनुष और बाण को धारण करने वाली, गोरी देह से उत्पन्न, त्रिनेत्रा, मेघास्थित चंद्रमा के समान कांति वाली, संसार की आधारभूता, शुंभादि दैत्यमर्दिनी महासरस्वती को हम नमस्कार करते हैं। मां सरस्वती प्रधानत: जगत की उत्पत्ति और ज्ञान का संचार करती हैं।
विधि : मां सरस्वती यंत्र को शुभ मुहूर्त में चांदी या कांस्य की थाली में, केसर की स्याही से, अनार की कलम से लिखकर सविधि पूजन कर माता सरस्वतीजी की आरती कर लें और अब यात्रांकित कांस्य थाली में भोजन परोसकर श्री सरस्वत्यै स्वाहा, भूपतये स्वाहा, भुवनपतये स्वाहा, भूतात्मपतये स्वाहा 4 ग्रास अर्पण करके स्वयं भोजन कर सकते हैं. ध्यान रहे यंत्र भोजन परोसने से पहले धोना नहीं चाहिए और वसंत पंचमी से14 दिनों तक नित्य करने से यंत्र प्रयोग मस्तिष्क में स्नायु तंत्र को सक्रिय (चैतन्य) करता है और मनन करने की शक्ति बढ़ जाती है. इसी के साथ धैर्य, मनोबल व आस्था बढ़ जाती है और मस्तिष्क काम करने के लिए सक्षम हो जाता है.
एकादशाक्षर सरस्वती मंत्र :
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:
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