हर साल बसंत पंचमी का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन को देवी सरस्वती का दिन माना जाता है और उनकी पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में इस बार बसंत पंचमी का त्यौहार 10 फरवरी को मनाया जाने वाला है. कहते हैं बसंत पंचमी के दिन छह माह तक के बच्चों को पहली बार अन्न खिलाया जाता है और अक्सर बसंत पंचमी के दिन अन्नप्राशन संस्कार किया जाता है जिसमें बच्चे को पहली बार अन्न खिलाया जाता है. ऐसे में बसंत पंचमी के दिन दूध पीते बच्चे को नए कपड़े पहनाकर, चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसमें छोटे बच्चे को बैठाकर मां सरस्वती की आराधना की जाती है व चांदी के चम्मच से खीर खिलाते हैं.
वहीं उस समय बच्चे की जीभ पर ऐं, श्री या ॐ लिखा जाता है क्योंकि यह अहम होता है. बसंत पंचमी के दिन छोटे बच्चों को अक्षर अभ्यास करवाने से उनकी बुद्धि कुशाग्र होने लगती है. ज्योतिषों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन माता-पिता अपने बच्चे को गोद में लेकर चांदी या अनार की कलम से शहद से बच्चे की जीभ में ऐं, श्री या ॐ लिखते हैं और उसके बाद सरस्वती पूजन करते हैं. बसंत पंचमी के दिन सरस्वती के मूल मंत्र श्री ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा से देवी का पूजन किया जाता है व बुद्धि की देवी को याद करते हैं.
इसी के साथ जो लोग उच्च शिक्षा में सफल होना चाहते हैं, उन्हें सरस्वती पूजा वाले दिन बच्चे के हाथ से किसी ब्राह्मण को वेदशास्त्र का दान करना शुभ माना जाता है. वहीं अगर आप बच्चे की कुशाग्र बुद्धि चाहते हैं तो काले रंग की पट्टी व चाक (खडिय़ा) का भी पूजन करवाएं और सरस्वती स्वरूपा कलम व पुस्तक का पूजन करें. इसी के साथ बहुत छोटे बच्चों से चावल से भरी थाली पर अंगुली से इन 3 में से कोई एक अक्षर लिखवाएं जिससे वह पढ़ने में तेज हो.
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