एजेंडा चला रहा BBC, भारत में हो बैन, डॉक्यूमेंट्री की हो NIA जांच- सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

एजेंडा चला रहा BBC, भारत में हो बैन, डॉक्यूमेंट्री की हो NIA जांच- सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
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नई दिल्ली: ब्रिटिश मीडिया एजेंसी BBC के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है। इसमें BBC को भारत में पूरी तरह बैन करने की माँग की गई है। साथी ही BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री और इसमें शामिल पत्रकारों की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा जाँच कराए जाने की माँग की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और बीरेंद्र कुमार सिंह ने वकील बरुण कुमार सिन्हा के जरिए दाखिल की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश का समग्र विकास हो रहा है, जो भारत विरोधी लॉबी खासकर BBC को हजम नहीं हो रहा। भारत की शांति और अखंडता को प्रभावित करने के इरादे से BBC अपना एजेंडा चला रहा है। याचिका में BBC के कई भारत विराधी लेखों का भी जिक्र किया गया है। इनके माध्यम से BBC पर भारत और भारत सरकार विरोधी दुष्प्रचार का इल्जाम लगाया गया है। बता दें कि BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया-द मोदी क्वेश्चन’ पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को भी शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है। इस पर 6 फरवरी 2023 को सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत भी हो चुकी है।

दरअसल, इस प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री में BBC ने गुजरात दंगों का दोष मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी पर मढ़ने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं, उनकी छवि इस्लाम विरोधी भी दिखाने का भी प्रयास किया गया है। दो पार्ट में बनाई गई BBC की इस डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात कही गई है। BBC ने मोदी सरकार के देश के मुस्लिमों के प्रति रवैए, कथित विवादित नीतियाँ, कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।

BBC डॉक्यूमेंट्री पर क्या बोले थे पीएम ऋषि सुनक :-

बता दें कि, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने देश की संसद में पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश सांसद इमरान हुसैन को इस मुद्दे पर जवाब दिया था। सांसद इमरान हुसैन ने ब्रिटेन की संसद में कहा था कि, 'पीएम मोदी गुजरात दंगों लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। यह देखते हुए कि सैकड़ों लोगों को क्रूरता से मार डाला गया था और यहाँ ब्रिटेन समेत भारत और पूरे विश्व के परिवार अभी भी इंसाफ के बिना हैं। क्या प्रधानमंत्री (यूके पीएम) विदेश कार्यालय में अपने राजनयिकों से सहमत हैं कि पीएम मोदी स्पष्ट रूप से जिम्मेदार थे और क्या विदेश कार्यालय को जातीय संहार के इस गंभीर कार्य में उनकी संलिप्तता के संबंध में पता है?'

इस पर पीएम ऋषि सुनक ने संसद में कहा था कि यूनाइटेड किंगडम (UK) की सरकार की काफी समय से चली आ रही स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है और वह बदली नहीं है। ऋषि सुनक ने कहा था कि, 'निश्चित रूप से हम किसी भी तरह के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो। मगर, मैं उस चरित्र-चित्रण से जरा भी सहमत नहीं हूँ, जो भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है।' 

वहीं, ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने भी ट्वीट करते हुए इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा बताया था। उन्होंने BBC को पक्षपाती भी कहा था। साथ ही भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए BBC की आलोचना की थी। लॉर्ड रेंजर ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, 'BBC न्यूज, आपने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित भारत के पीएम को अपमानित करने के साथ-साथ भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका की भी बेइज्जती की है। हम दंगों और लोगों की मौत की निंदा करते हैं, मगर आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।'

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