हाल ही में सामने आई जानकारी के तहत तमिलनाडु में बीसीजी की वैक्सीन को लेकर ट्रायल शुरू होने वाला है. जी हाँ, वहीं अगर यह सफल हो जाता है तो निश्चित तौर पर इससे बुजुर्गों की जान बचाई जा सकेगी. जी दरअसल बीते दिनों ही मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने कहा था कि 'बीसीजी वैक्सीन 60-95 साल की आयु के वयस्कों पर एक टेस्ट के तौर पर मॉनिटर किया जाएगा.' उन्होंने कहा था, 'इस उम्र के लोगों में कोविड के चलते मृत्यु दर को कम करने के लिए यह किया जा रहा है.'
इसी के साथ अब तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर विजयभास्कर ने जानकारी दी है. उन्होंने बीते दिनों कहा कि, 'तमिलनाडु में कोविड-19 से जुड़ी मृत्यु दर को कम करने के लिए बेसिल कैलमेट-गुएरिन (बीसीजी) वैक्सीन के असर को समझनने और जांचने के लिए राज्य सरकार टेस्टिंग शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरकुलोसिस (NIRT) जल्द ही इस दिशा में अपना पायलट प्रोग्राम शुरू कर देगा.' इसी के साथ आपको हम यह भी बता दें कि बीसीजी को कई देशों में तपेदिक की रोकथाम के लिए बच्चों को देते हैं. वहीं तमिलनाडु सरकार की तरफ से हाल ही में जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में बहुत कुछ बताया गया है. उसके अनुसार बीसीजी वैक्सीन जन्मजात इम्यूनिटी में सुधार करने के लिए मददगार है.
इसी के साथ यह भी संभावना है कि 'यह 60 से 95 वर्ष की आयु के बुजुर्गों को COVID-19 से रिकवर करने में मदद कर सकती है.' आपको पता हो राज्य सरकार ने बीते दिनों ही बुजुर्गों में बीसीजी वैक्सीन के असर को लेकर स्टडी करने के लिए आईसीएमआर की मंजूरी मांगी थी. वहीं उसके बाद ICMR ने मंजूरी दे दी है और यह टेस्टिंग अब NIRT में जल्द ही ट्रायल के तौर पर शुरू होने वाली है.
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तमिलनाडु सरकार को कोविड-19 जांच को लेकर अदालत ने दिए यह निर्देश