बीजिंग : भले ही कुछ दिन पहले डोकलाम विवाद पर शांति हो गई हो, लेकिन इसे स्थायी नहीं माना जा सकता, क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जिस तरह दूसरी बार राष्ट्रपति पद संभालते ही सेना के शीर्ष अधिकारियों को युद्ध के लिए तैयार रहने का जो संकेत दिया. उससे भारत को सावधानी बरतने की जरूरत है.
उल्लेखनीय है कि डोकलाम विवाद के बाद शी जिनपिंग के इस आदेश से भारत को सतर्क रहने की जरूरत है. वैसे भी भारत को चीन से हमेशा धोखे ही मिले हैं. चीनी राष्ट्रपति ने देश की 2.3 मिलियन सेना को और मजबूत बनाने और युद्धों में जीत हासिल करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया है. इस मौके पर शी जिनपिंग ने सेना के शीर्ष अधिकारियों से भी बातचीत की.
बता दें कि चीन में सेना को सत्ता और शक्ति का आधार माना जाता है. शी शक्तिशाली सेंट्रल मिलिट्री कमीशन और चीन मिलिट्री के मुखिया भी हैं.शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी के कांग्रेस सम्मेलन से कुछ दिन पहले ही पीएलए के शीर्ष नेतृत्व में फेरबदल किया था. उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी सेना में अपनी ताकत को विस्तार देते हुए शी ने उसमें नए जनरलों को नियुक्त किया था. वर्तमान हालातों में भारत को चीन से सतर्क रहने की जरूरत है.
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