अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है -गुलज़ार

अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है -गुलज़ार
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अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है...

अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है
अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो!
अभी तो टूटी है कच्ची मिट्टी, अभी तो बस जिस्म ही गिरे हैं
अभी तो किरदार ही बुझे हैं।
अभी सुलगते हैं रूह के ग़म, अभी धड़कते हैं दर्द दिल के
अभी तो एहसास जी रहा है।

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