महिलाएं सुंदर दिखने के लिए कई तरह के टिप्स अपनाते हैं. लेकिन इसके सेहत को नुकसान भी होते हैं. अगर आप भी बाल कलर करते हैं और हर्बल हेयर डाई का इस्तेमाल कर निश्चिंत रहते हैं तो सजग हो जाएं. इस बारे में एम्स में भी इस पर स्टडी चल रही है. इसमें लगभग 50 ऐसे हर्बल प्रॉडक्टस को शामिल किया गया है. इस बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि सिर्फ हर्बल मेंहदी ही नहीं, बालों को रंगने वाली अन्य मेंहदी, कॉस्मेटिक क्रीम्स, बिंदी, सिंदूर, कुमकुम, फेयरनेस क्रीम कोई भी पूरी तरह से सेफ नहीं हैं. जानिए इसके बारे में.
दरअसल, एम्स के प्रोफेसर डॉ. वी. के. शर्मा ने बताया कि अधिकांश हेयर डाई (मेहंदी) में पीपीडी जैसे केमिकल्स बिना जानकारी दिए मिलाए जा रहे हैं. यह बहुत खतरनाक होता है. इस स्टडी के बारे में जानकारी अगले कुछ महीनों में आ जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें, कि NBT के अनुसार, डॉ. वी. के. शर्मा ने बताया कि सिंदूर या लिक्विड बिंदी, कुमकुम से भी स्किन की बीमारी हो सकती है. सिंदूर की ज्यादातर इंडस्ट्रीज लोकल होती हैं. किसी को नहीं पता कि सिंदूर को लाल बनाने के लिए कौन से केमिकल्स इस्तेमाल होते हैं. जहां तक साइंटिफिक बात है तो ज्यादातर में एजोडाइज जैसे केमिकल होते हैं. डॉक्टर के अनुसार कोई भी प्रोडक्ट सेफ नहीं है. गिनती के कुछ इंटरनैशनल प्रोडक्ट्स ही हैं जो गाइडलाइंस को फॉलो करते हैं. जहां तक भारत की बात है तो यहां पर कोई रूल एंड रेग्युलेशन नहीं है.
उनके अलावा डॉक्टर रीति भाटिया ने बताया कि एम्स में स्किन के इलाज के लिए आए 106 मरीजों पर स्टडी की गई. 74 मरीज चेहरे पर डॉर्कनेस से पीड़ित थे, 24 को एलर्जी थी, बाकी को अन्य दिक्कत थी. 35 पर्सेंट मरीजों में एक बात कॉमन थी कि वे हेयर डाई और फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करते थे. ऐसी क्रीम या डाई का असर स्किन पर होता है तो रंग बदलने लगते हैं. किसी की स्किन लाल तो किसी की काली पड़ जाती है.
इन टिप्स से लम्बे समय तक टिका रहेगा हेयर कलर