चंडीगढ़: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने ज्ञानी रघुबीर सिंह को अकाल तख्त का नया जत्थेदार बनाया है। SGPC द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार के पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनके पास बीते साढ़े चार वर्षों से यह पद था। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भले ही अकाल तख्त के जत्थेदार पद से त्यागपत्र दे दिया हो, मगर वो तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार का पद संभालते रहेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, SGPC की कार्यकारी समिति की मीटिंग के बाद शुक्रवार (16 जून) को SGPC के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि SGPC कमेटी ने ज्ञानी रघुबीर सिंह को अकाल तख्त का नया जत्थेदार बनाया है। उन्होंने बताया कि रघुबीर सिंह फ़िलहाल केसरगढ़ साहिब के जत्थेदार हैं। वह अकाल तख्त के नए जत्थेदार का पद संभालेंगे। हरजिंदर सिंह धामी ने जानकारी दी है कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अकाल तख्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी से त्यागपत्र दे दिया है। इतनी बड़े पद को छोड़ना कोई आसान बात नहीं है, मगर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक मिसाल पेश की है। इसके लिए हम उनका सम्मान करते हैं। वह तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार बने रहेंगे। हमने उनसे फोन पर चर्चा की है।
बता दें कि, ज्ञानी हरप्रीत सिंह AAP के नेता राघव चड्ढा की सगाई में पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि तभी से शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता उनसे खफा थे। कहा जा रहा हा कि AAP नेता राघव चड्ढा की सगाई में शामिल होने के बाद विरोधी गुटों ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को उनके पद से हटाने की कोशिशें भी की थी। हालांकि सूत्रों ने बताया है कि SGPC और ज्ञानी हरप्रीत सिंह के बीच टकराव होने का केवल यही एक कारण नहीं है। SAD के नेता इसलिए भी ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ थे, क्योंकि वे हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे थे। बता दें कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह कार्यवाहक जत्थेदार बनने के बाद सिखों के एक अहम वर्ग का भरोसा हासिल करने में सफल रहे।
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