नई दिल्ली: केदारनाथ में 5 नवंबर को प्रस्तावित पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले एक नया विवाद सामने आ गया है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को यहां काफी विरोध का सामना करना पड़ा और पुरोहितों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। दरअसल उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत और प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिक केदारनाथ में पीएम मोदी के दौरे से पहले का इंतज़ाम देखने पहुंचे थे, मगर उन्हें पुरोहितों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। यहां तक कि पूर्व सीएम तो मंदिर तक भी नहीं पहुंच सके और उन्हें बाबा भोलेनाथ के दर्शन के बिना वापस लौटना पड़ा।
दरअसल, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जब केदारनाथ पहुंचे तो हेलीपैड से मंदिर तक पहुँचने के बीच ही उनका विरोध शुरू हो गया और तीर्थ के पुरोहितों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। इस दौरान उनके खिलाफ जमकर नारे भी लगाए गए। माहौल को देखते हुए उन्हें वापस लौटना पड़ा। उनसे पहले दूसरे हेलिकॉप्टर से कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और मदन कौशिक भी केदारनाथ पहुंचे थे, मगर उन्हें भी मंदिर परिसर में पुरोहितों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि ये दोनों नेता किसी प्रकार मंदिर तक पहुंच गए और भगवान केदारनाथ के दर्शन किए।
बता दें कि 2 वर्ष पूर्व जब त्रिवेंद्र सिंह मुख्यमंत्री थे, उसी वक़्त चारधाम सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के रखरखाव और प्रबंधन के लिए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन के प्रावधान का अधिनियम पारित हुआ था। ऐसे में चारों धामों के पुरोहितों का कहना है कि इस बोर्ड के कारण उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन हो रहा है और इसीलिए ये पुरोहित त्रिवेंद्र रावत का विरोध कर रहे थे।
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