पटना: सोमवार को बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार की अगुवाई में नई गवर्मेंट का गठन हो जाएगा। सरकार गठन से पूर्व नीतीश कुमार ने एक बड़ा स्टेटमेंट देकर सबको हैरान कर दिया है। रविवार को पटना में MLA दल का नेता चुने जाने के पश्चात् नीतीश कुमार ने कहा कि मैं सीएम नहीं बनना चाहता था किन्तु भाजपा के नेताओं की अपील तथा निर्देश के पश्चात् ही मैंने सीएम बनना स्वीकार किया है।
पटना में NDA के विधायक दल का नेता चुने जाने के पश्चात् नीतीश कुमार ने कहा कि मैं तो चाहता था कि इस बार बिहार का सीएम बीजेपी का बने किन्तु भाजपा के ही लोगों ने मुझसे सीएम बनने को लेकर अपील की। रविवार को पटना में कई बैठकें हुईं। NDA की बैठक के दौरान विधानमंडल के नेता के रूप में सुशील मोदी के नाम की घोषणा की गई। नीतीश कुमार के आवास पर NDA की बैठक के पश्चात् उनके ही नेतृत्व में एक शिष्टमंडल रविवार को गवर्नर हाउस पहुंचा, जहां सभी ने मिलकर गवर्मेंट बनाने का दावा किया।
वही नीतीश कुमार ने राज्यपाल से भेंट कर सरकार गठन का दावा पेश किया तथा 126 MLA का समर्थन पत्र राज्यपाल के सुपुर्द किया। इसके साथ-साथ नीतीश कुमार के बतौर मुख्यमंत्री बिहार में सातवीं पाठ शपथ लेने का रास्ता प्रशस्त हो गया है। सोमवार को नीतीश कुमार जहां मुख्यमंत्री बनेंगे, वहीं सुशील कुमार मोदी बतौर उपमुख्यमंत्री बिहार की कमान संभालेंगे। दरअसल इस बार के इलेक्शन में NDA में भाजपा सबसे बड़ा दल बनकर उभरा है जबकि JDU को उसके मुकाबले कम सीटें आईं हैं ऐसे में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर बहुत पहले से ही प्रश्न उठ रहे थे।
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