अश्वगंधा कई समय से हर्बल उपचार में काम में लिया जाता है. यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका और अफ्रीका में बुखार और सूजन का इलाज अश्वगंधा से किया जाता है. चाहे तो इसकी चाय भी बना सकते है. अश्वगंधा चाय पौधों की जड़ो और पत्तियों से बनी होती है, इसके लिए एक पौने घंटे के लिए पानी में सूखी जड़ी बूटी को उबाले.
इससे छानने के बाद आसानी से बनाया जा सकता है. अश्वगंधा पौधे की जड़ तीन ग्राम होनी चाहिए जो कि तीन से चार कप बनाने के लिए पर्याप्त है. अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है जो हृदय रोग के रिस्क को कम करता है. यह डाइबिटीज रोगियों में मोतियाबिंद की संभावना को कम करता है. यह कैंसर की संभावना को कम करता है.
अश्वगंधा याददाश्त को कमजोर करने वाले कारको को खत्म करने में मदद करता है. यह प्रेग्नेंसी में माँ के ब्लड को शुद्ध करने और इम्युनिटी को भी मजबूत करता है. आयुर्वेद के अनुसार, अश्वगंधा मन को शांत करता है. अश्वगंधा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है.
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