आप सभी ने अक्सर ही देखा होगा कि मंदिरों के ऊपर लाल, केसरिया, भगवा या नारंगी रंग का झंडा लगा होता है जिसे कुछ लोग ध्वजा, पताका आदि के नाम से भी जानते हैं ऐसे में सनातन संस्कृति के अनुसार मंदिर के ऊपर लगे इस ध्वज को बहुत पावन मानते हैं और ऐसा भी कहते हैं कि संस्कृति की समग्रता, राष्ट्रीय एकता इस झंडे में ही समाहित होती है. अब आप यह बताइए कि क्या आप जानते हैं 'नवरात्री में घर पर झंडा लगाना बहुत ज्यादा शुभ होता है.' बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि नवरात्रि में घर पर झंडा लगाने से बहुत लाभ होता है. ऐसे में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने के बाद कुंडली और वास्तु से संबंधित सभी दोष शांत किए जा सकते हैं. जी हाँ, अब आइए जानते हैं कि क्या होता है और लाभ.
कहते हैं कि घर की छत वहां रहने वाले लोगों की कुंडली का बारहवां भाव होती है और इस भाव में बुध और राहू व्यक्ति पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं ऐसे में केतू और शुक्र बारहवें भाव में बहुत अच्छा प्रभाव डालते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए अगर कुंडली में इससे संबंधित दोष हो तो नवरात्रि में इस रंग का झंडा इस दिशा में लगाने से लाभ होता है. अब आप सोच रहे होंगे कि कौन सी दिशा और कौन से रंग का झंडा..? तो वह भी हम बता दें, दरअसल अग्नि कोण यानि दक्षिण पूर्व कोने में पांच हाथ ऊंची डंडे में लाल ध्वजा लगा कर सोम, दिगंबर कुमार और रुरु भैरव का ध्यान करना चाहिए क्योंकि इससे साल भर वास्तु दुसही रहता है और सब कुछ अच्छा होता है.
अब आइए जानते हैं कि क्यों लगाना चाहिए ध्वज - कहते हैं कि वास्तु के अनुसार ध्वज को शुभता का प्रतीक माना गया है और इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर को बुरी नज़र नहीं लग पाती है. आपको यह भी बता दें कि घर के उत्तर-पश्चिम कोने में लगाई ध्वजा सबसे लाभकारी होती है और उसे ही वास्तु के दृष्टिकोण से शुभ माना गया है.
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