पान आयुर्वेदिक औषधि है. मुंह से बदबू आती है, तो पान चबाएं. पान माउथ फ्रेशनर है. पान खाने वालों के लार में एस्कॉर्बिक एसिड का स्तर भी सामान्य बना रहता है, जिससे मुंह संबंधी कई बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पान खाने से मुंह का कैंसर नहीं होता. ध्यान रखें उसमें तंबाकू नहीं होना चाहिए. मसूड़े में गांठ या फिर सूजन होने पर पान खाने से आराम मिलता है. पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया दूर हो जाता है.
पान में कामेच्छा बढ़ाने की ताकत होती है. यही वजह है कि नवविवाहित जोड़ों को पान खिलाया जाता है. जिन लोगों में कामेच्छा कम होती है या मैरिड लाइफ में इसी वजह से तनाव रहता है, उन्हें पान चबाना चाहिए.