कोलकाता: पश्चिम बंगाल कोयला खनन घोटाले के मुख्य आरोपित अनूप माझी को शीर्ष अदालत ने CBI और पश्चिम बंगाल सरकार के हलफनामे पर जवाब दायर करने के लिए कहा है. साथ ही कोर्ट ने सुनवाई के लिए सोमवार यानी 15 मार्च कि तारीख मुक़र्रर की है. जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ECL) की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने इस मामले में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है. यह लोअर कोर्ट और उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ है.
जबकि याचिकाकर्ता अनूप माझी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने उच्च न्यायालय की डबल बैंच के खिलाफ याचिका दाखिल की है, जिसमें डबल बेंच के हस्तक्षेप पर सवाल खड़ा किया गया है. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि यूपी में हुई जांच में पाया गया कि यह घोटाला कई राज्यों में हुआ, जिसके चलते जांच CBI को सौंपी गई. बेंच ने सभी पक्षों कि दलील सुनने के बाद कहा कि कोर्ट 15 मार्च को मामले पर सुनवाई करेगी, जिससे ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की याचिका पर भी साथ में सुनवाई की जा सके.
इस समय अनूप माझी CBI और राज्य सरकार के हलफनामे पर जवाब दायर करें. पश्चिम बंगाल सरकार ने हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि CBI को तो राज्य के इस मामले की जांच का अधिकार ही नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने इसके लिए अपनी स्वीकृति दो साल पहले ही वापस ले ली थी, किन्तु CBI अब तक तफ्तीश कर रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई FIR में मुख्य अभियुक्त कारोबारी अनूप माझी को सीबीआई के हाथों गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई से बचाने का आदेश देने से मना कर दिया था.
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