कोलकाता: अभी देश में चुनाव का दौर चल रहा है वही इस बीच पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बनाए जाने के पश्चात् स्वपन दास गुप्ता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। टीएमसी ने स्वपन दास गुप्ता की उम्मीदवारी पर प्रश्न खड़े किए थे। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संविधान के नियमों का हवाला देते हुए दास गुप्ता को अयोग्य करार देते की मांग की थी। दोषों के पश्चात् गुप्ता ने कहा था कि मैंने अभी नामांकन नहीं भरा है, नामांकन से पूर्व सारे विवादों को समाप्त कर लिया जाएगा।
वही महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ''स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार हैं। संविधान की 10 वीं अनुसूची में बताया गया है कि यदि कोई शपथ के साथ 6 माह के पश्चात् किसी भी राजनीतिक पार्टी में सम्मिलित होता है तो राज्यसभा सदस्य को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। उन्हें अप्रैल 2016 में शपथ दिलाई गई थी। भाजपा में सम्मिलित होने के लिए अब अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।'' टीएमसी के दोषों पर स्वपन दासगुप्ता ने कहा, ''नियमों के बारे में मुझे पता है। ये प्रश्न यदि नॉमिनेशन फ़ाइल करने के पश्चात् उठता तो इसमें बोलने के लिए कुछ होता। अब जब मैं नामांकन अब तक भरा ही नहीं तो इसपर मुझे कुछ टिप्पणी नहीं करनी है। किन्तु इतना कह सकता हूं कि सभी नियमों का पालन करते हुए ही नामांकन भरा जाएगा।"
बता दे कि स्वपन दास गुप्ता बंगाल की सियासत के बड़े चेहरों में शुमार हैं, वे पेशे से रिपोर्टर भी हैं। भाजपा ने बंगाल चुनाव में केंद्रीय मंत्री तथा सांसदों को भी उतारा है। पश्चिम बंगाल के तारकेश्वर विधानसभा सीट से स्वपन दास गुप्ता को भाजपा ने मैदान में उतारा है। अप्रैल 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किए गए थे। साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें वर्ष 2015 में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। दास गुप्ता ऑक्सफोर्ड के नफ़िल्ड कॉलेज में एक जूनियर रिसर्च फेलो के पोस्ट पर भी रहे।
कोरोना पॉजिटिव हुई शो 'प्रेम बंधन' की यह अदाकारा
बंगाल चुनाव: पुरुलिया में गरजे सीएम योगी, बोले- जय श्री राम नारे से चिढतीं हैं 'दीदी'
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पर बोले CM शिवराज- 'जैसे पोलियो को देश से बाहर कर दिया वैसे...'