बंगाल हिंसा: राजभवन में खुले Peace Room में लगा शिकायतों का ढेर, अब गवर्नर पर भड़की TMC

बंगाल हिंसा: राजभवन में खुले Peace Room में लगा शिकायतों का ढेर, अब गवर्नर पर भड़की TMC
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान होने के बाद से ही हिंसा जारी है और अब इस हिंसा और अशांति की शिकायतें सुनने के लिए राजभवन में खुले ‘पीस रूम’ में शिकायतों का अंबार लग गया है। दरअसल, ‘पीस रूम’ दिन-रात काम कर रहा है और वहां निरंतर शिकायती कॉल आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अधिकतर मामलों में विपक्ष की शिकायत है कि उन पर सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा नामांकन वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। वहीं, TMC ने राजभवन में लोगों की शिकायतें सुनने के लिए पीस रूम (Peace Room) खोले जाने को लेकर राज्यपाल की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।

उल्लेखनीय है कि गवर्नर सीवी आनंद बोस ने पंचायत चुनाव के नामांकन को लेकर भड़की हिंसा और फायरिंग की घटनाओं के बाद प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। उन्होंने खुद धरातल पर उतारकर और लोगों के बीच जाकर मामले की जांच की थी और स्थानीय लोगों से बात की थी। उसके बाद बीते गुरुवार को राजभवन ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा था कि हिंसा की शिकायतें सुनने के लिए एक कंट्रोल रूम खोला जा रहा है। इसी के तहत राजभवन में ‘पीस रूम’ खोला गया और वहां निरंतर लोगों की शिकायतों सुनी जा रही हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, OSD संदीप सिंह खुद पीस रूम में ड्यूटी दे रहे हैं और उनके साथ राजभवन के कई स्टॉफ भी मौजूद हैं। वह रखे ‘लैंड फोन’ पर एक के बाद एक शिकायती कॉल आ रहे थे। लैपटॉप सामने रखा हुआ है। स्टाफ फोन उठाता है और शिकायत सुनने के बाद वह उसे लैपटॉप में दर्ज कर देता है। राजभवन के कर्मचारियों का कहना है कि फोन हर समय चालु रहता है। ई मेल ID पर भी ढेरों ई मेल आ रहे हैं। शिकायत दर्ज कर आगे पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक सर्वाधिक शिकायतें मुर्शिदाबाद, कैनिंग से मिली हैं। भाजपा, कांग्रेस, CPM से शिकायतें मिल रही हैं।

बता दें कि, आज यानी सोमवार की सुबह भी मालदा जिले के इंगलिश बाजार में भाजपा उम्मीदवार के भाई को बांस से पीटा गया। मारपीट करने का भी इल्जाम परिजनों ने लगाया है। आरोप है कि भाजपा प्रत्याशी पर नामांकन वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। इस अवसर पर गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा कि इस चुनाव के बाद उन्हें पूरी उम्मीद है कि उपद्रवियों को निराशा हाथ लगेगी और अगली बार राज्य में होने वाले चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण होंगे।

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