बेंगलुरु: शहर में इस सप्ताह हुई हिंसा के वजहों का पता लगाने के लिए गठित कांग्रेस की कर्नाटक इकाई की तथ्यान्वेषी कमेटी ने शनिवार को इस घटना को गृह डिपार्टमेंट और पुलिस की सम्पूर्ण नाकामी करार देते हुए हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से केस की न्यायिक पड़ताल कराने की मांग की है. कमेटी ने यह भी जानना चाहा कि किस बेस पर गवर्नमेंट के कुछ मिनिस्टर यह बयान दे रहे हैं कि कांग्रेस की अंदरुनी दरार के कारण से यह घटना हुई है.
पूर्व उप सीएम और समिति के प्रमुख जी परमेश्वर ने इस संबंध में बोले, “सरकार और पुलिस क्या कर रहे थे? आपके पास खुफिया डिपार्टमेंट नहीं है क्या?...” यहां रिपोर्टर्स से चर्चा करते हुए उन्होंने दावा किया है कि गृह डिपार्टमेंट और पुलिस की पूर्ण असफलता के कारण यह घटना घटित हुई है. उन्होंने बोला, “गवर्नमेंट ने बोला है कि जिलाधिकारी इस केस की पड़ताल करेंगे लेकिन मैं केस की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधिश से न्यायिक पड़ताल की मांग करता हूं. सीएम को तत्काल इसका आदेश दे देना चाहिए. ”
बता दें की प्रदेश गवर्नमेंट ने बेंगलुरु शहरी उपायुक्त जी एन शिवमूर्ति को हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है. पुलाकेशीनगर के कांग्रेस MLA आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार पी नवीन द्वारा कथित तौर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक भड़काऊ टिप्पणी पर मंगलवार को सैकड़ों की तादाद में लोगों ने डी जे हल्ली और आसपास के क्षेत्र में हिंसा को अंजाम दे दिया था. इस हिंसा के 1 दिन बाद जी परमेश्वर के अगुआई में कांग्रेस ने हिंसा के वजहों का पता लगाने के लिये 6 सदस्यीय तथ्यान्वेषी कमेटी गठित कर दी थी.
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