हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के पूर्णिमा तिथि (Bhadrapada Purnima) सबसे खास मानी जाती है। जी हाँ और इस पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाते हैं जो अश्विन की अमावस्या तक चलते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इसी तिथि से लोग अपने पितरों को याद करते हुए उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं। इसके अलावा आपको यह भी जानकारी दे दें कि इस तिथि को श्राद्ध पितृ पक्ष का हिस्सा नहीं माना जाता है। फिलहाल हम आपको बताते हैं कि इस बार भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि कब मनाई जाएगी?
जी दरअसल हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर को है। 9 सितंबर यानी शुक्रवार को शाम 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 10 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। इसके चलते भाद्रपद पूर्णिमा 10 सितंबर को होगी। इसी दिन से श्राद्ध कार्य भी शुरू हो जाएंगे। जी हाँ और लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करेंगे। आपको बता दें कि इस पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा करने का भी विधान है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि, भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से उपासक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं, भक्त अपने जीवन में पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।
आप सभी को बता दें कि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन व्रत भी रखा जाता है। इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। वहीं इसके बाद पूजा स्थल को साफ कर भगवान सत्यनारायण की मूर्ति स्थापित करना चाहिए और इसके बाद पूजा के लिए पंचामृत और प्रसाद के लिए चूरमा बना लें। अब अंत में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनिए और कथा के बाद भगवान सत्यनारायण, माता लक्ष्मी, भगवान शिव, माता पार्वती की आरती करें। वहीं इसके बाद प्रसाद बांटे जाते हैं। इस तरह पूजा संपन्न होता है।
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