हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, भादों महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। जी दरअसल इस दिन भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा का विधान है। आपको बता दें कि इस बार भाद्रपद की संकष्टी चतुर्थी 15 अगस्त, दिन सोमवार को पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की आराधना करने से व्यक्ति दुःख से निकल जाता है और उसके सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा, इस दिन कुछ विशेष मन्त्रों के जाप के बारे में बताया गया है। यह मन्त्र बुरी शक्तिओं का खात्मा कर सकते हैं और इनके निरंतर जाप से स्वयं गणपति को सिद्ध किया जा सकता है।
भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी 2022 विशेष गुप्त मंत्र (Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022 Mantra)-
- ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्, उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्
- नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं। गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥
- विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं। नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
- रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं। भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥
- ॐ गं गणपतये नमो नम: ॥
आपको बता दें कि संकष्टी चतुर्थी यानी कि 15 अगस्त के दिन दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसी के साथ, सुबह से लेकर 11 बजकर 24 मिनट तक धृति योग की शुभ छाया होगी और ऐसे में व्रत पूजन के लिए सुबह 9 बजकर 27 मिनट से लेकर रात के 9 बजे तक का समय अत्यंत फलदायी है।
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