भागलपुर: गुड़ी पड़वा के दिन भागलपुर में जुलुस निकालने पर दो पक्षों के बीच हुई झड़प में पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. भागलपुर के नाथनगर थाने में पुलिस ने कुल 8 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, जिनमे केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत का नाम भी शामिल है.
पुलिस ने सभी 8 लोगों के खिलाफ दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें भड़काने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि इस घटना के बाद मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया था, राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने भागलपुर हिंसा को हार के उपचुनावों में एनडीए की हुई हार के साथ जोड़ते हुए कहा था कि हार से घबराकर व बौखलाहट में भागलपुर में दंगा करवाया गया. उन्होंने कहा था कि "नीतीश कुमार इतने असहाय, बेबस और लाचार क्यों हैं? गृह विभाग नीतीश कुमार के पास है वो माहौल बिगाड़ने वाले ऐसे तत्वों और शक्तियों को प्रायोजित और प्रोत्साहित क्यों कर रहे हैं?"
मामला यह है कि गुड़ी पड़वा पर निकले ज़ुलूस की शुरुआत बुधनाथ मंदिर से हुई और पूरे शहर से होते हुए यह नाथनगर पहुंचा था, धार्मिक जुलूस में गाने-बजाने को लेकर पहले तो कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद विवाद बढ़ जाने पर दोनों समुदायों के बीच पथराव होने लगा. मौके पर पहुंची पुलिस टीम का हिस्सा रहे पुलिसकर्मियों की बांह पर गोलियां लगी, साथ ही तीन स्थानीय निवासी भी हिंसा के दौरान घायल हो गए थे, जिन्हे एम्बुलेंस द्वारा नज़दीकी अस्पताल पहुँचाया गया था.
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