23 मार्च को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है. आज के दिन साल 1931 को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को फांसी दी गई थी. इन तीनों ही वीरों को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी जहां इन्होने हंसते-हंसते शहादत को गले लगाया था. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में ही शहीद दिवस हर साल मनाया जाता है. हम आपको आज इस खास दिन पर भगत सिंह के 10 ऐसे खास सन्देश बता रहे हैं बता रहे हैं जो न सिर्फ आपको जोश से भर देंगे बल्कि जीवन और उसे जीने का नजरिया भी बदलने का काम कर सकते है-
- 'प्रेमी, पागल और कवि एक ही मिट्टी के बने होते हैं.'
- 'लोगों को कुचलकर, वे विचारों का दम नहीं घोंट सकते.'
- 'अगर बहरों को अपनी बात सुनानी है तो आवाज़ को जोरदार होना होगा. जब हमने बम फेंका तो हमारा उद्देश्य किसी को मारना नहीं था. हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था. अंग्रेजों को भारत छोड़ना और उसे आजाद करना चाहिए.'
- 'मैं एक इंसान हूं और जो कुछ भी इंसानियत को प्रभावित करती है उससे मेरा मतलब है.'
- 'जिंदगी अपने दम पर जी जाती है… दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.'
- 'प्यार हमेशा आदमी के चरित्र को ऊपर उठाता है, यह कभी उसे कम नहीं करता है. प्यार दो प्यार लो.'
- 'हमारे लिए समझौते का मतलब कभी आत्मसमर्पण नहीं होता. सिर्फ एक कदम आगे और कुछ आराम, बस इतना ही. '
- 'हर वो शख्स जो जो विकास के लिए आवाज बुलंद कर रहा है उसे हरेक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमे अविश्वास जताना होगा और उसे चुनौती देनी होगी.'
- 'आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसी के अभ्यस्त हो जाते हैं. बदलाव के विचार से ही उनकी कंपकंपी छूटने लगती है. इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की दरकार है.'
- 'वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं. वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं लेकिन मेरे जज्बे को नहीं.'
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