मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शीघ्र ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उनकी ओर से पीएम नरेंद्र मोदी के सामने ये इच्छा जताई गई है। उन्होंने कहा है कि वे अपनी आगे की जिंदगी पढ़ने, लिखने में लगाना चाहते हैं। वे हर प्रकार की सियासी जिम्मेदारियों से मुक्ति चाहते हैं। जारी बयान में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा है कि ये बहुत सम्मान की बात थी कि मुझे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। उस महाराष्ट्र का जो संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमि है। बीते 3 वर्षों में मुझे महाराष्ट्र की जनता से जो प्यार मिला है, मैं वो कभी नहीं भूल सकता हूं। कोश्यारी ने इस बात की भी जानकारी दी कि वे अपनी इन इच्छाओं के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी से बात कर चुके हैं।
वही जब प्रधानमंत्री मोदी मुंबई दौरे पर आए थे, उनकी ओर से साफ कहा गया था कि वे राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं। अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का यूं इस्तीफा देने की बात करना कई लोगों को चौंका गया है। महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीति जिस तरह की चल रही है, भगत सिंह कोश्यारी का विवादों से नाता मजबूत होता गया है। इन विवादों का आरम्भ सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी में हुए एक कार्यक्रम से आरम्भ हो गई थी। उस कार्यक्रम में कोश्यारी ने महात्मा ज्योतिबा फुले एवं सावित्रीबाई फुले के बाल विवाह को लेकर एक विवादित बयान दिया था। तत्पश्चात, छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी गई थी। इसके अतिरिक्त गुजराती और मराठी समुदाय को लेकर भी उन्होंने अजीबोगरीब बात कह दी थी।
इन्हीं सब बयानों के कारण उद्धव ठाकरे और दूसरी विपक्षी पार्टियां तो निरंतर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा चाहती थीं। भाजपा की ओर से खुलकर इस पर कुछ नहीं कहा गया, मगर जमीन पर चुनौती बढ़ती जा रही थी। अब उस चुनौती के बीच ही स्वयं भगत सिंह कोश्यारी ने इस्तीफा देने की बात कर दी है। अब सरकार इस पर क्या रुख रखती है, शिंदे सरकार क्या प्रतिक्रिया देती है, इस पर नजर रहेगी।
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