अक्सर देखा जाता है हमे भगवान को लहसुन और प्याज से बने भोजन का भोग नहीं लगाते. इस सवाल का जवाब बहुत से लोगों को नहीं पता, लेकिन फिर भी लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि देवी देव को हम लहसुन और प्याज न खिलाएं. भगवान को हम सात्विक भोजन ही खिलाते हैं ताकि कोई पाप न चढ़े और धर्म भ्रष्ट ना हो. तो आपको भी बता देते हैं क्यों नहीं चढ़ता भगवान को लहसुन और प्याज.
दरअसल, शास्त्रों में लहसुन और प्याज को सात्विक नहीं माना जाता. कहा जाता है लहसुन और प्याज इंसान के गुस्से को बढ़ाता है और राक्षसी प्रवृति का माना जाता है. इसी कारण कुछ लोग खुद के खाने में भी लहसुन और प्याज नहीं खाते. साथ ही इन्हें अपवित्र भी माना गया है इसे ग्रहण करने से अशांति पैदा होती है और दिमाग नकारात्मकता की ओर भागता है. इसी चिंता के चलते हम देवी देव को भी लहसुन प्याज भोग में नहीं लगाते.
इसी के साथ एक पौराणिक कथा भी जुडी है -
ये सभी जानते हैं जब समुद्र मंथन हो रहा था तोब अमृत पीने के लिए राहू और केतु ने छल से अमृत ले लिया था. जब भगवान विष्णु को पता चला तो उन्होंने उनके सिर काट दिए थे लेकिन अमृत पीने के कारण वो सिर से जिन्दा ही थे यानी मर कर भी वो नहीं मरे थे. बताया जाता है इसी में जब रक्त की बूंदे जमीन पर गिरी थी जिससे प्याज और लहसुन बने हैं.
हालाँकि लहसुन और प्याज में रोगों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है क्योंकि ये अमृत से बने हैं. लेकिन राक्षस से उत्पन्न होने के कारण इन्हें भगवान को चढ़ाया नहीं जाता. यही कारण है कुछ लोग लहसुन और प्याज का ज्यादा उपयोग नहीं करते क्योंकि ये मनुष्य का मन पूजा अर्चना से भटकता है.
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