भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डाॅ. मोहन भागवत ने कहा है कि सरकार के लोगों को आम जनता से जुड़ा रहना होगा। उन्होंने कहा कि यदि राजा की सवारी के सामने बच्चा, महिला या फिर परिश्रम करने वाला आ जाए तो फिर राजा रास्ता छोड़ता है। उन्होंने कहा कि देश इस तरह की परंपरा भूल गया जिसके कारण हालात पैदा हुए। डाॅ. भागवत ने कहा कि सेवा में अपनेपन का अनुभव होता है तो फिर अहंकार नहीं आना चाहिए।
संत रविदास ने समरसता का संदेश दिया है। समारोह मेें मौजूद मुंबई स्टाॅक एक्चेज के सीईओ आशीष चैहान ने बताया कि सेवा भारती संस्था ऐसे लोगों को आश्रय देती है जो कि अपने घर से अलग हो जाते हैं ये या तो माता पिता होते हैं या फिर बच्चे। उन्होंने कहा कि गांधी जी पूना में पहाड़ पर निवास कर रहे थे।
इसी दौरान एक बच्ची अपने भाई को कंधे पर लेकर चढ़ रही थी। गांधी जी ने कहा कि उसे उतार दो, बोझ क्यों ढो रही हो तब बच्ची ने कहा कि अपनों का बोझ थोड़ी होता है। डाॅ. मोहन भागवत के ही साथ इस समारोह मेें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शामिल थे।
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