दीपावली के पश्चात् कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इसे यमद्वितिया भी बोलते हैं। इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं तथा उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं। सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है तथा तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। भाई दूज की पूजा थाली को खास अहमियत दी जाती है। इस थाली में कुछ चीजें मुख्य तौर पर रखी जाती हैं। जिनके बिना ये थाली अधूरी मानी जाती है। बताते हैं कि कैसे तैयार करें भाई दूज की पूजा थाली।
ये चीजें होनी चाहिए थाली में:-
भाई दूज पर भाई की आरती उतारते समय बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास एवं केला अवश्य होना चाहिए। इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का पर्व अधूरा माना जाता है।
बहनें न करें ये गलतियां:-
1- भाई दूज पर बहनों को भाई के तिलक किए बगैर कुछ भी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
2- इस दिन बहनें शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें, राहु काल में भाई दूज करने से बचना चाहिए।
3- इस दिन आपस में लड़ाई-झगड़े ना करें
4- भाई से प्राप्त हुए किसी भी उपहार का अनादर ना करें।
5- तिलक करते वक़्त काले रंग का कपड़े ना पहनें।
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