1- प्रभु की भक्ति संसारिक वासनाओं को धो देती है अन्यथा पूरा जीवन वासनाओं के पीछे दौड़ते बीत जाता है ।
2- वह मनुष्य जीवन जो प्रभु की तरफ जाता है वह धन्य होता है ।
3- प्रभु की भक्ति हमें संसार में फँसने नहीं देती ।
4- अगर हमारे शोक के आंसुओं का सागर भी हो तो भी प्रभु उसे एक दया दृष्टि से सोख देते हैं ।
5- प्रभु को जीवन का आधार मानना ही जीव का गौरव है ।
6- प्रभु से ज्यादा कल्याणकारी कुछ भी नहीं है ।
7- भक्ति भक्त का परम कल्याण करती है ।
8- भक्त के लिए प्रभु का गुणानुवाद करना उनके जीवन की चर्या बन जाती है ।
9- भक्ति संसारिक वासनाओं को नष्ट कर हमें सुखी कर देती है ।
10- प्रभु में निष्ठा निर्माण हो जाये तो जीवन धन्य हो जाता है ।
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