लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत 60 देशों में फंसे करीब एक लाख भारतीयों को वापस लाने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही तीसरे चरण की तैयारियां भी जोरों पर हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'वंदे भारत मिशन पूरे प्रवाह में हैं. पहले चरण 7-16 मई तक चला था, जिसमें 16,716 भारतीय स्वदेश वापस लाए गए. दूसरा चरण 17 मई से शुरू हुआ था जो 13 जून चलेगा. अब तक 45,216 भारतीय वापस लाए जा चुके हैं. इनमें 8,069 प्रवासी कामगार, 7,656 छात्र व 5,107 पेशेवर शामिल हैं.
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अपने बयान में प्रवक्ता ने बताया कि, 'करीब पांच हजार भारतीयों को नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से भारत में प्रवेश कराया गया है. विदेश में स्थित दूतावासों में कुल 3,08,200 ने भारत वापसी के लिए अपना पंजीकरण कराया है.' दूसरे चरण में 60 देशों के लिए एयर इंडिया की 429 उड़ानों की योजना है. इनमें 311 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें व 118 फीडर फ्लाइट होंगी. इस चरण में निजी विमान कंपनियों की भी मदद ली जाएगी. चार्टर्ड फ्लाइट व क्वारंटाइन की सुविधा के अनुरूप विमानों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.
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इसके अलावा श्रीवास्तव के अनुसार, 'भारतीय नौसेना श्रीलंका व मालदीव में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चार और चक्कर लगाएगी. हम लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप आदि के दूरस्थ इलाकों में फंसे भारतीयों को भी निकालने की कोशिश कर रहे हैं.'
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