फेमस कॉमेडियन भारती सिंह कुछ समय पहले ही माँ बनी है और उन्होंने बेटे को जन्म दिया है। हालाँकि प्रेग्नेंसी के पहले उन्होंने अपना लगभग 15 किलो वजन कम किया था। जी हाँ और वजन कम करने के लिए उन्होंने इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा लिया था। आप सभी को बता दें कि बीते कुछ सालों में इंटरमिटेंट फास्टिंग तेजी से वेट लॉस करने के कारण काफी फेमस हुई है। वहीँ दूसरी तरफ एक्सपर्ट भी वजन कम करने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट की अपेक्षा इंटरमिटेंट फास्टिंग की सलाह देते हैं। आप सभी को बता दें कि भारती सिंह के अलावा वरुण धवन, आलिया भट्ट, मलाइका अरोड़ा, सारा अली खान जैसे कई स्टार्स भी इंटरमिटेंट फास्टिंग कर चुके हैं। तो आज हम जानते हैं कि आखिर इंटरमिटेंट फास्टिंग है क्या?
जी दरअसल इंटरमिटेंट फास्टिंग में स्ट्रिक्ट डाइट की जरूरत नहीं होती और इस डाइट में आप सबकुछ खाकर भी हेल्दी रूप से वजन कम कर सकते हैं। आपको बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने का एक पैटर्न है, जिसके दौरान आप लंबे समय तक किसी भी कैलोरी का सेवन करने से बचते हैं। वैसे तो आम तौर पर इस दौरान पानी, कॉफी और बिना कैलोरी वाली ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है, हालाँकि कोई भी ऐसी ड्रिंक जिसमें कैलोरी होती है, उनके सेवन की मनाही होती है। आपको बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग को कई तरह से कर सकते हैं। लेकिन आमतौर पर सबसे अधिक लोग इस फास्टिंग के दौरान 16 घंटे का उपवास रखते हैं। जैसे अगर आप रात में 8 बजे खाना खा लेते हैं तो आपको अगले दिन सुबह 12 बजे तक कुछ नहीं खाना है। इसका मतलबा है कि आप 16 घंटे भूखे रहेंगे और इस दौरान आप बिना कैलोरी वाली ड्रिंक ले सकते हैं। वहीँ इसके बाद दोपहर 12 से रात के 8 बजे तक हेल्दी फूड्स का सेवन करें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग का सही तरीका और सावधानी- इंटरमिटेंट फास्टिंग का सही तरीका यह है कि आप 16 घंटे की फास्टिंग वाला पैटर्न चुनें। जी हाँ क्योंकि इस पैटर्न को फॉलो करना आसान होता है। इसके लिए आप शाम 7-8 बजे से सुबह 11-12 बजे तक 16 घंटे की फास्टिंग वाला पीरियड चुनें। हालाँकि इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय ध्यान रखें कि यह सभी के लिए नहीं है। जी हाँ और अगर किसी को ईटिंग डिसऑर्डर है तो उसे बिना डॉक्टर की सलाह के इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए। जी दरअसल कुछ रिसर्च के अनुसार पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे कम होते हैं। जी हाँ और कुछ स्टडीज के मुताबिक जिन महिलाओं ने इस फास्टिंग को किया था, उनके पीरियड्स रुक गए थे और वापस से पुराने ईटिंग पैटर्न पर आने पर उनके पीरियड्स नॉर्मल हुए थे।
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