नई दिल्ली: भारत जैसे भाषाई विविधता वाले देश में, जहां 19,500 भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, भाषा की पहुंच का मुद्दा सर्वोपरि है। भारत की भाषाई विविधता एक अनोखी चुनौती पेश करती है, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में। जबकि अंग्रेजी शहरी क्षेत्रों में व्यापक रूप से बोली जाती है, फिर भी भारत की केवल 10% आबादी ही इस भाषा में पारंगत है। अधिकांश भारतीय विभिन्न मूल भाषाओं को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं, जिससे AI को लोकतांत्रिक बनाने के लिए मूल भाषा की पहुंच महत्वपूर्ण हो जाती है। यहीं पर 'भाषिणी' (Bhashini) कदम रखती हैं।
भाषिणी क्या है?
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में लॉन्च किया गया, भाषिणी एक अभिनव AI समाधान है, जिसे भारत में भाषाई असमानताओं को पाटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। संस्कृत में "भाषिणी" शब्द का अर्थ "भाषाविद्" या "भाषा विशेषज्ञ" है, जो भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने के उसके मिशन को दर्शाता है। अपने मूल में, भाषिणी भारत के विविध भाषाई परिदृश्य में निर्बाध संचार की सुविधा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का लाभ उठाती है। इसका प्राथमिक लक्ष्य भाषा की बाधाओं को तोड़ना और वंचित समुदायों को उनकी मूल भाषाओं में सरकारी सेवाओं, डिजिटल पहल और जानकारी तक पहुंचने में सक्षम बनाना है।
कैसे काम करती है भाषिणी ?
भाषिणी प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP), मशीन लर्निंग (ML) और गहन शिक्षण सहित AI प्रौद्योगिकियों के संयोजन के माध्यम से संचालित होती है। इसके दृष्टिकोण को कई प्रमुख चरणों में संक्षेपित किया जा सकता है:
भाषा पहचान: भाषिणी उपयोगकर्ता की पसंदीदा भाषा या बोली को पहचानने से शुरू होती है। यह उस देश में बेहद महत्वपूर्ण है, जहां उपयोगकर्ता हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, बंगाली और कई अन्य भाषाओं सहित कई बोलियां बोल सकते हैं।
अनुवाद: एक बार उपयोगकर्ता की भाषा की पहचान हो जाने के बाद, भाषिणी संचार की सुविधा के लिए उन्नत अनुवाद मॉडल का उपयोग करती है। ये मॉडल, जैसे कि IndicTrans और IndicTrans2, IIT मद्रास की एक पहल, AI4भारत के सहयोग से विकसित किए गए हैं। वे भाषिणी को कई भाषाओं में भाषण अनुवाद और सभी 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं में पाठ-से-पाठ अनुवाद करने में सक्षम बनाते हैं।
वॉयस इंटरफेस: भाषिणी उन उपयोगकर्ताओं के लिए वॉयस इंटरफेस को शामिल करती है, जिनके पास सीमित साक्षरता हो सकती है या मौखिक संचार पसंद करते हैं। यह सुविधा कम साक्षरता दर वाले ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
सरकारी सेवाओं के साथ एकीकरण: भाषिणी को सरकारी सेवा प्लेटफार्मों में एकीकृत किया गया है, जो नागरिकों को सेवाओं और सूचनाओं तक निर्बाध रूप से पहुंचने में सक्षम बनाता है। उदाहरण के लिए, यह कल्याणकारी कार्यक्रमों तक पहुँचने, पात्रता मानदंडों की जाँच करने और सरकारी अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराने जैसे कार्यों में सहायता करता है।
भाषा समर्थन का विस्तार: भाषिणी लगातार अपने भाषा समर्थन का विस्तार कर रही है, और भारत की आबादी की विविध भाषाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक भाषाओं और बोलियों को जोड़ रही है। अभी तक इसमें 22 भाषाएं जोड़ी जा चुकी हैं और ये कार्य जारी है।
भाषिणी का आदर्श वाक्य:-
भाषिणी का व्यापक उद्देश्य AI को लोकतांत्रिक बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि भाषा सूचना, सरकारी सेवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में बाधा न बने। इसका मिशन प्रत्येक भारतीय नागरिक को, उनकी भाषाई पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, डिजिटल युग में पूरी तरह से भाग लेने के लिए सशक्त बनाना है। प्रौद्योगिकी को मूल भाषाओं में सुलभ बनाकर भाषिणी का लक्ष्य एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज बनाना है।
प्रभाव और अनुप्रयोग
अपने लॉन्च के बाद से, भाषिणी को भारत में विभिन्न क्षेत्रों में आवेदन मिले हैं:
AskDISHA: भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने भाषिणी को अपने AskDISHA चैटबॉट में एकीकृत किया है। यह चैटबॉट अब कई भाषाओं में बातचीत का समर्थन करता है, जिससे रेल टिकट बुकिंग विविध उपयोगकर्ता आधार के लिए अधिक सुलभ हो जाती है।
कृषि पहल: भाषिणी नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प जैसे कृषि कार्यक्रमों में सहायता करती है, जिससे किसानों को उनकी मूल भाषा, जैसे मराठी, में महत्वपूर्ण जानकारी, योजनाओं, दस्तावेजों और कार्यक्रमों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
सरकारी शिकायत निवारण: प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने भाषिनी को केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पोर्टल में एकीकृत किया है, जिससे नागरिकों और अधिकारियों के बीच बेहतर संचार सुनिश्चित हो सके।
वित्तीय समावेशन: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वॉयस कमांड को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में एकीकृत करने के लिए भाषिणी की क्षमताओं का उपयोग कर रहा है, जिससे उपयोगकर्ता वॉयस-आधारित भुगतान करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में सक्षम हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 में की ब्रांडिंग:-
विशेष रूप से, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 G20 बैठक में भाषिनी के अभूतपूर्व प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे यह अभिनव AI समाधान भाषाई पृष्ठभूमि के बावजूद भारत में डिजिटल सेवाओं और सरकारी पहलों तक पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।
टेक इकोसिस्टम के लिए लाभ:-
भाषिणी का प्रभाव सरकारी सेवाओं से परे तक फैला हुआ है। यह एक समावेशी और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करके भारत में व्यापक तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ पहुंचाता है। कंपनियां यह सुनिश्चित करने के लिए भाषिणी की क्षमताओं का लाभ उठा सकती हैं कि उनके उत्पाद देश भर में सुलभ और व्यापक रूप से उपयोग किए जाएं।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशाएँ
हालाँकि भाषिणी ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ हैं जिनका समाधान करना बाकी है। विदेशी भाषाओं सहित और भी अधिक भाषाओं और बोलियों को शामिल करने के लिए भाषा समर्थन का विस्तार करने से इसकी उपयोगिता और बढ़ सकती है। इसके अतिरिक्त, दस्तावेज़ीकरण और योगदान मानदंडों को सुव्यवस्थित करने से यह डेवलपर्स और योगदानकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ हो जाएगा, और अधिक सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा। संक्षेप में, भाषिणी भारत में AI और प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने की यात्रा में एक अग्रणी समाधान के रूप में खड़ा है। भाषाई बाधाओं को तोड़कर और मूल भाषा की पहुंच को सक्षम करके, भाषिणी व्यक्तियों को सशक्त बनाती है, डिजिटल और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है, और दुनिया के सबसे भाषाई विविधता वाले देश में अधिक न्यायसंगत और समावेशी समाज में योगदान देती है।
ISRO की बड़ी कामयाबी, अंतरिक्ष से डाटा भेजने लगा भारत का सूर्य मिशन Aditya L1
5जी सिम में अपग्रेड करते समय महंगी साबित होंगी ये गलतियां, आज ही जान लें ये बातें
अमेज़न, फ्लिपकार्ट, क्रोमा और विजय सेल्स पर लिस्ट हुई नई सीरीज़, कहां मिल रहा है बेस्ट ऑफर?