भोपाल : फिल्म पद्मावती को लेकर देश भर में विरोध का दौर जारी है. पंजाब, गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगा दिया गया है. मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज के इस फिल्म को एमपी में रिलीज न होने के फैसले पर ग्वालियर के सामाजिक कार्यकर्त्ता हरिमोहन भसनेरिया ने शिवराज चौहान को एक नोटिस भेजा है. नोटिस में उन्होंने मुयख्यमंत्री से इस फिल्म को रिलीज न होने देने के लिए जवाब माँगा है और उचित जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्यवाई कि चेतावनी भी दी है.
भसनेरिया ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा है कि उन्होंने अपने अधिवक्ता पुरुषोत्तम राय की मदद से मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा है और उसमे लिखा गया है कि किसी भी फिल्म को प्रदर्शित करना या न करने का फैसला सेंसर बोर्ड का है. इसके अलावा संजय लीला भंसाली कि इस फिल्म को तो अभी तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने ना तो खुद देखा है ना ही इस पर कोई प्रतिक्रिया या राय दी और ना अभी तक इस फिल्म को कोई सर्टिफिकेट मिला है. इन सबसे पहले ही चौहान ने इस फिल्म को लेकर अपना फैसला सुना दिया जो अभिव्यक्ति की आजादी जैसे अधिकार का हनन है और यह भारतीय संविधान के खिलाफ है.
नोटिस में भसनेरिया ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आपने इस फिल्म को कब, कहाँ और कैसे देख लिया जिसके चलते आपने यह घोषणा की. या ये महज़ लोगों की तरह दिखवा है और अटकलों के चलते आपने भी इसे बैन कर दिया? अगर आपने लोगों की अटकलों के चलते यह निर्णय लिया है तो जिस पद पर आप आसीन हैं यह उस पद की गरिमा को शोभा नहीं देता और यह अपराध की श्रेणी में आता है. भसनेरिया ने इसके लिए नोटिस जारी कर मुख्यमंत्री से जवाब माँगा है.
अनामत कमेटी के हंगामे पर चलीं पुलिस की लाठियां
पाक को रास नहीं आयी सुषमा की दरियादिली