नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के पुणे के भीमा कोरेगांव में भड़की हिंसा के मामले को लेकर काफी राजनीति और बहसबाजी हो रही है। अब इस मामले में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है, लेकिन देश को तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
पिछड़े वर्ग पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक निजी अखबार को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने इस मामले में हुई कार्रवाई के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात करके मामले की पूरी जानकारी ली थी। अब यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है। अपने साक्षात्कार में उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी को दबाने की कोशिश नही कर रहे। लोकतंत्र में हर किसी को कुछ भी करने की आजादी है लेकिन देश को तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है। हिंसा को बढ़ावा देने वाले किसी भी कार्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
जैन मुनि तरुण सागर का निधन : राजनेताओं ने इस तरह दी श्रद्धांजलि
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के पुणे के भीमा कोरेगांव में भड़की हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने बीते मंगलवार कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी की थी। पुलिस ने भीमा कोरेगाँव में हिंसा भड़काने के आरोप में सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और गौतम नवलखा समेत पांच लोगों को ग़िरफ़्तार कर लिया गया था जिसे लेकर काफी विरोध हुआ था।
ख़बरें और भी
सुर्खियां: ये है देश और दुनिया की आज की सबसे बड़ी ख़बरें
भीमा कोरेगांव मामला : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को जारी किया नोटिस