नई दिल्ली: भीमा-कोरेगांव गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने उनके रुख को सही साबित करते हुए कांग्रेस को बेनकाब कर दिया है. सत्तारूढ़ बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण अवलोकन करने के बाद पांच मानव अधिकारों के कार्यकर्ताओं को शहरी नक्सली बताते हुए उनपर आरोप लगाया है कि उन्होंने देश के खिलाफ युद्ध लड़ा, प्रतिबंधित माओवादियों से संपर्क साधा और भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़काई.
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अदालत के आदेश का हवाला देते हुए, पात्रा ने दावा किया कि फैसले में कहा गया है कि आरोपी को द्वेष के कारण गिरफ्तार नहीं किया गया था. अदालत के इस फैसले से भाजपा के इस स्टैंड की पुष्टि होती है कि कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी में कोई छुपा एजेंडा नहीं था. पात्रा ने कहा कि अदलात ने ये भी माना कि उक्त मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के माओवादी संगठनों के साथ संबंध थे. कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर कैसे राजनीति खेल रही थी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इन शहरी नक्सलियों के समर्थन में किस बेशर्मी से खड़े थे, वे पूरे देश के सामने खुद को इन शहरी नक्सलियों के वकील के रूप में पेश कर रहे थे.
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पात्रा ने दावा किया कि राव को पहले गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि गोंसाल्व को 2007 में हथियार अधिनियम के तहत दोषी पाया गया था, उन्होंने यह भी कहा कि नवलाखा पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कश्मीर में भी राज्य विरोधी भावनाएं भड़काने का आरोप था. पात्रा नमे कहा कि सिर्फ राहुल ही नक्सलियों के समर्थन में नहीं उतरे थे, उनकी माता सोनिया गाँधी ने भी एक ऐसे ही शहरी नक्सली बिनायका सेन को योजना आयोग में जगह दी थी.
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