पुणे: पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव में प्रतिबंधित माओवादी संगठनों और हिंसा में भूमिका के कथित संबंधों के लिए 6 जून को गिरफ्तार वकील सुरेंद्र गडलिंग और चार अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के लिए और अधिक समय मांगा है. गिरफ्तार किए गए लोगों पर गैरकानूनी क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधान के अंतर्गत आरोप लगाया है.
भीमा कोरेगांव मामले पर अभिनेत्री ने दिया एक और बयान
आरोपी की ओर से उपस्थित वकील रोहन नाहर ने कहा, "हमें आज [शनिवार] आवेदन की एक प्रति मिली है, रविवार को पुणे सत्र अदालत में मामले की सुनवाई की जाएगी". यूएपीए के तहत, पुलिस को गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दर्ज करने का नियम है, जिसमें विफल होने पर अभियुक्त को जमानत के लिए आवेदन करने का अधिकार है. उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा 5 सितंबर है.
भीमा कोरेगाव मामला: प्रत्यक्षदर्शी राहुल दाम्ब्ले ने पुणे पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं 29 अगस्त को 5 अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी पर वेर्नोन गोंसाल्विस की पत्नी सुसान अब्राहिम ने कहा है कि सनातन संस्थान के खिलाफ जांच से ध्यान हटाने और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ मौजूदा मामले को बढ़ाने के लिए यह गिरफ़्तारी एक रणनीति के तहत की गई है. आपको बता दें कि शुक्रवार को, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, महाराष्ट्र पुलिस ने कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रची थी.
खबरें और भी:-
आखिर क्या है भीमा कोरेगांव मामला ?
भीमा कोरेगांव मामला : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को जारी किया नोटिस