ग्वालियर: मध्य प्रदेश में इन दिनों कई शहरों के नाम बदलने की सियासत शुरू हुई है। एक के बाद एक कई शहरों के नाम सामने आ रहे हैं जिन्हे बदलने के बारे में कहा जा रहा है। हाल ही में ग्वालियर का नाम बदलने की मांग उठने लगी है, और सबसे गंभीर बात यह है कि इस बार नाम बदलने की मांग BJP ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने की है। जी दरअसल कांग्रेस की यह मांग है कि 'ग्वालियर का नाम बदलकर लक्ष्मीबाई नगर कर देना चाहिए।' जी दरअसल बीते शुक्रवार को वीरांगना लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि थी और इस मौके पर एक बार फिर शहर का नाम बदलने की मांग उठ गई। इस दौरान पीपीपी दफ्तर में रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के बाद कांग्रेसियों ने ग्वालियर शहर का नाम बदलकर रानी लक्ष्मीबाई नगर रखने की मांग की।
जब ग्वालियर का नाम बदलने की मांग कांग्रेस के नेता कर रहे है, तो इस बीच BJP नेता भी समर्थन में आ गए हैं। जिस BJP नेता की हम बात कर रहे हैं वह केपी यादव है जिन्होंने ग्वालियर का नाम बदलने का समर्थन किया है। जी दरअसल केपी यादव का कहना है कि ''ग्वालियर शहर का नाम रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर हो तो अच्छी बात है इससे अमर शहीदों को सम्मान मिलेगा।'' इसी के साथ बलिदान दिवस पर वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर श्रद्धांजलि देने आए केपी ने कहा कि, ''यहां हर राष्ट्रभक्त को आना चाहिए।'' आप सभी को बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को केपी यादव ने हराया था।
इंदौर का नाम भी बदलने की हो रही मांग- जी दरअसल पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि, ''स्कूल के सिलेब्स में रानी लक्ष्मीबाई से जुड़े इतिहास के कुछ और तथ्यों को शामिल किया जाना चाहिए। पाठ्यक्रम में नई पीढ़ी को यह भी बताना चाहिए कि रानी लक्ष्मीबाई के साथ षड्यंत्र करने वाले कौन थे।'' इसके अलावा सज्जन सिंह वर्मा ने यह भी कहा कि, ''ग्वालियर शहर का नाम बदलने के साथ ही इंदौर शहर का नाम भी देवी अहिल्या बाई नगर रखा जाना चाहिए। कांग्रेस इसका प्रस्ताव राज्य शासन को भेजेगी।''
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