भोपाल: कोरोना से बचने के लिए मध्य प्रदेश सरकार हर संभव कोशिशे कर रही है. वहीं कोरोना महामारी से उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दो पत्र लिखकर पानी-बिजली के बिल माफ करने और कोरोना जांच के लिए रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट कराने के सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने इंदिरा गृह ज्योति योजना के दायरे में आने वाले बिजली उपभोक्ताओं के बिल छह महीने तक माफ करने और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 14 फीसदी आबादी को नलों से पानी पहुंचाया जा रहा है और स्थानीय निकायों के माध्यम से जिन्हें पानी के बिल दिए जा रहे हैं, उनके भी छह महीने तक बिल माफ करने की मांग की है.
बता दें की मुख्यमंत्री को भेजे सुझाव में कमल नाथ ने लिखा कि शहरी क्षेत्रों में जहां प्रदेश की लगभग 28 फीसदी आबादी रहती है, वहां 16 नगर पालिका और 98 नगर परिषदों के माध्यम से पानी के बिल दिए जा रहे हैं, उनका पानी का बिल भी माफ किया जाएं. कमल नाथ ने आगे कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए मध्य प्रदेश में प्रति 10 लाख की आबादी पर 55 जांच हो रही हैं जो आरटी-पीसीआर से किए जा रहे हैं. इनमें ज्यादा वक्त के साथ 4500 रुपये शुल्क भी है.
दरअसल यह टेस्ट सबसे ज्यादा प्रामाणिक है, लेकिन रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट का उपयोग भी किया जा सकता है. यह टेस्ट 30 मिनट में हो जाता है और शुल्क भी मात्र 300 रुपये है. इसका उपयोग भोपाल-इंदौर में किया जा सकता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कम समय में हो सकते हैं.
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