भोपाल - प्रदेश की विभिन्न् जेलों में बंद ऐसे कैदियों के बच्चों को पढ़ाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग अब एनजीओ की मदद भी लेगा जिनके माँ -बाप दोनों जेल में हो.इस सन्दर्भ में गत दिनों जेल विभाग और महिला बाल विकास विभाग की हुई बैठक में रणनीति बनाई गई.
बता दें कि इस उद्देश्य को लेकर आयोजित की गई बैठक में एनजीओ को शामिल किया गया जिन्होंने इस प्रस्ताव पर काम करने की सहमति जताई.उल्लेखनीय है कि जेल विभाग भी ऐसे मामलों में जहां मां-बाप दोनों जेल में हो उनके बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करवाता है.या फिर ऐसे मामले में जहां माँ या पिता में कोई एक जेल में हैं, लेकिन बच्चे की परवरिश के लिए दोनों में से कोई एक नहीं हो जिसके चलते बच्चे की पढ़ाई संभव ना हो पाए. रीवा जेल में भी ऐसे ही एक बच्चे का स्कूल में दाखिला करवाया था.
अब जबकि कैदियों के बच्चों को आगे पढ़ाने के लिए एनजीओ की सहमति के बाद जेल विभाग प्रदेश के जेलों में बंद कितने कैदियों के बच्चे शिक्षा से वंचित है इस की सूची तैयारकर रहा है.जेल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऐसे कैदियों के बच्चों का दाखिला शिक्षा का अधिकार के द्वारा करवाया जाता है. इंदौर की सेंट्रल जेल के कैदियों के दो बच्चे तो डीपीएस स्कूल में अध्ययन कर रहे हैं.