वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं पर किए गए लाठीचार्ज के मामले में, विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में विद्यार्थी विरोध प्रदर्शन करने में लगे हैं, इस विरोध प्रदर्शन को लेकर राजनीति हावी हो गई है। कांग्रेस, वाम मोर्चा जैसे राजनीतिक दलों ने छात्र संगठनों से मांग की है कि, वे इस मसले पर विरोध जताऐं। इस मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विट करते हुए लिखा कि, बीएचयू में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का बीजेपी वाला रूप।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा कि, सरकार को विद्यार्थियों पर लाठीचार्च नहीं करना चाहिए बल्कि इस मामले का समाधान चर्चा के माध्यम से किया जाना चाहिए। दूसरी ओर बनारस विश्वविद्यालय में हंगामा होने पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईजी से रिपोर्ट मांगी है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीशचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि विद्यार्थियों का हंगामा विश्वविद्यालय को बदनाम करने की एक साजिश है।
जो हिंसा की गई है वह बाहरी लोगों द्वारा की गई है। जो विद्यार्थी छात्रावास में रहते हैं वे हिंसक वारदात में शामिल नहीं थे। हमें इस बात की प्रसन्नता है। होस्टल्स में लगभग 25 हजार विद्यार्थी रहते हैं मगर उन्होंने हिंसा भड़काने के प्रयास नहीं किए। वाराणसी पुलिस ने इस मामले में लगभग 1200 विद्यार्थियों पर प्रकरण दर्ज किया है। इन विद्यार्थियों पर शांति भंग करने का आरोप है। इस हंगामे के बीच विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर प्रारंभिक तौर पर लंका थाने के प्रभारी, अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट, भेलूपुर के सीओ को हटा दिया गया है।
विद्यार्थियों के हंगामे के बाद प्रशासन ने विश्वविद्यालय में सुरक्षा की मांग की थी। जिस पर विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। विश्वविद्यालय परिसर अब पुलिस छावनी नज़र आ रहा है। इस हंगामे के चलते यूनिवर्सिटी में सोमवार से अवकाश घोषित कर दिया गया। नवरात्रि के अवकाश के बाद 6 अक्टूबर 2017 को विश्वविद्यालय खोला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि, विश्वविद्यालय की आर्ट्स फैकल्टी की एक छात्रा अपने हॉस्टल लौट रही थी, उसी वक्त मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया। छात्रा का कहना है कि, जब उसने उन लोगों का विरोध किया तो उन्होंने उसके साथ गाली - गलौज की और उसके बाद भाग गए। छात्रा ने आरोप लगाया कि घटनास्थल से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर मौजूद सुरक्षा गार्डों ने उन लोगों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।
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