बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियां हैं जो समाज में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव, ऊंच नीच और यौन संबंधित मुद्दों पर बात करने से कतराती नहीं है. इन्ही में शामिल हैं अभिनेत्री भूमि पेडनेकर. उन्होंने हाल ही में कहा कि, ''हमेशा महिलाओं के साथ ही ऐसा होता आया है कि उन्हें कम में ही सब्र करना होता है. यहां तक कि एक मां भी अपने बच्चों में अंतर कर देती है कि मैं अपने बेटे को दूध में मलाई डालकर दूंगी, और बेटी के दूध के गिलास को पानी से भर दूंगी.''
वहीं इस दौरान भूमि ने यह सवाल भी उठाया ,कि ''क्या महिलाओं को पोषण की जरुरत नहीं होती?'' जी दरअसल हाल ही में वायकॉम 18 के चैनल एमटीवी ने एक प्रोग्राम 'एमटीवी निषेध' का शुभारंभ किया गया है और इसी की अम्बेसडर भूमि पेडनेकर हैं. उन्होंने इस प्रोग्राम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, ''हमारे देश में लड़कियों को तो कुछ समझा ही नहीं जाता. ऐसे में लड़कियों को खुद समझना चाहिए कि उन्हें ही अपने सारे मुद्दे और परेशानियां समाज के सामने लानी होंगी. स्वतंत्रता और स्वच्छता की जितनी जरूरत पुरुषों को है, उतनी ही जरूरत महिलाओं को भी है. मैं जानकर हैरानी रह गई कि हर साल एक मिलियन से ज्यादा गर्भपात महिलाओं की सिर्फ नासमझी की वजह से होते हैं, क्योंकि वह कंडोम शब्द को अपने मुंह से निकालने में शर्म महसूस करती हैं. ये देखते हुए मुझे महसूस होता है कि समाज में हमें अपने लिए और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने की जरूरत है, ताकि हम खुलकर बात कर सकें.''
इसी के साथ उन्होंने एमटीवी और वायकॉम 18 के इस शो को शुरू करने की तारीफ करते हुए कहा कि, ''वह बहुत खुश हैं कि टीवी की इतनी बड़ी संस्थाओं ने समाज के इतने महत्वपूर्ण विषय पर सोचा, और लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया. मैं इस शो का हिस्सा बनकर अपने आप को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. इस शो के माध्यम से महिलाओं की सोच को बल मिलेगा, और उन्हें समाज में अपनी बात रखने की शक्ति मिलेगी. मुझे इस शो का हिस्सा बनाने पर मैं निर्माताओं के धन्यवाद करती हूं.''
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