रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपए प्रति क्विंटल करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ जहां भारत सरकार द्वारा किसानों की आमदनी दुगुना करने की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ केन्द्र शासन द्वारा साल 2019-20 में धान के समर्थन मूल्य में 65 रूपए की वृद्धि की जा रही है, यह वृद्धि मात्र 3.7 फीसद है.
साल 2018-19 में भी धान के समर्थन मूल्य में इससे ज्यादा 200 रूपए की वृद्धि की गई थी. धान उत्पादन के बढ़े इनपुट लागत जैसे खाद, बीज, कीटनाशक, डीजल, मजदूरी और किसानों के व्यापक हित में धान के समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 2500 रूपए कर दिया जाना चाहिए. सीएम भूपेश बघेल ने अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश में प्रति वर्ष कृषकों के कुल धान उत्पादन के 65 फीसद भाग का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्राथमिक कृषि साख समितियों के जरिए किया जाता है.
राज्य द्वारा उपार्जित धान से लगभग 13 लाख 50 हजार लघु और सीमांत कृषक तथा 3 लाख 5 हजार बड़े कृषकों को फायदा मिलता हैं. इससे उपार्जित धान का सही मूल्य कृषकों को प्राप्त होता है. सीएम बघेल ने कहा है कि राज्य की प्राथमिकता किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इस मकसद से छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त धान उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि दिया जाना भी शुरू किया गया है.
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