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strong>थिम्पू: अपने पड़ोसियों से बेहतर सम्बन्ध के बाद अब भारत को पड़ोसियों से तल्खियत मिलनी शुरू हो गई है. पकिस्तान हमेशा से ही भारत का विरोधी रहा है, लेकिन श्रीलंका फिर मालदीप ने भारत को कोई अहमियत नहीं दिया. अभी हाल में ही नेपाल ने भारत के साथ सैन्य अभ्यास करने से मना कर दिया है. नेपाल चीन के तरफ झुकता ही जा रहा है, इसी बीच भारतीय सीमा के डोकलाम विवाद में महत्वपूर्ण मददगार और पड़ोसी देश भूटान में अभी-अभी चुनाव हुआ है.
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भूटान पूरी दुनिया का सबसे स्वच्छ, शांत, देश है सुंदरता दे भरपूर इस देश में अभी तक 'पीपल्स डेमोक्रेटिक' कि सरकार थी, जिसके मुखिया 'शेरिंग तोबगे' रहे. इस पार्टी का झुकाव भारत की ओर माना जाता है, लेकिन अभी इस जो नतीजे आ रहे हैं, उसके अनुसार, वोटों की गिनती में तोबगे की पार्टी तीसरे नंबर पर पिछड़ गई है. जो भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है.
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वहीं भूटान में एक नई राजनैतिक पार्टी 92 हज़ार से अधिक वोटों के साथ 'ड्रक न्यामरूप शोगपा' (डीएनटी) पहले नंबर पर है. वहीं मुख्य विपक्षी दल 'ड्रक फुनसम शोगमा' (डीपीटी) 90,020 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर चल रही है. अब यह घमासान डीएनटी और डीपीटी के मध्य ही हो सकता है. आखिरी चरण का चुनाव 18 अक्टूबर को आयोजित है. भारत की ओर से अभी तक इस चुनावी नतीजों पर पर कोई टिपण्णी नहीं की है, लेकिन नज़र बनाये हुए हैं. सूत्रों से पता चला है कि सरकार ने आखिरी परिणाम आने के बाद ही कोई प्रतिक्रया देने की बात कही है. भूटान का यह चुनाव भारत की सामरिक और सीमा सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही मत्वपूर्ण है.
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