MP के इस जिले में प्रशासन का बड़ा एक्शन, गिरफ्तार हुए 11 प्राइवेट स्कूल संचालक

MP के इस जिले में प्रशासन का बड़ा एक्शन, गिरफ्तार हुए 11 प्राइवेट स्कूल संचालक
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जबलपुर: मध्य प्रदेश के निजी विद्यालयों पर सोमवार को जबलपुर जिला प्रशासन ने बड़ी एक्शन लिया है. प्रकाशकों एवं पुस्तक विक्रेताओं के साथ मिलीभगत कर अभिभावकों को लूटने वाले निजी विद्यालयों का खुलासा किया है. बीते 2 महीने से जिला प्रशासन की तरफ से निजी विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत 11 स्कूलों के संचालकों के खिलाफ न सिर्फ FIR दर्ज की गई है, बल्कि अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया है. 

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निजी विद्यालयों, प्रकाशकों एवं पुस्तक विक्रेताओं के खेल का खुलासा किया है. कलेक्टर का कहना है कि जबलपुर जिला प्रशासन के पास प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, फीस वृद्धि एवं निश्चित दुकान से ही यूनिफॉर्म व स्टेशनरी की खरीदारी का दबाव बनाने की शिकायत आ रही थीं. जिला प्रशासन ने जबलपुर जिले के सभी निजी विद्यालयों की जांच पड़ताल आरम्भ की. इस तहकीकात में शहर के नामी 11 विद्यालयों में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ. कलेक्टर ने बताया कि जबलपुर के 11 विद्यालयों ने 21 हजार बच्चों से 81 करोड़ 30 लाख रुपए की अतिरिक्त फीस वसूली है. 

इतना ही नहीं, इन प्राइवेट स्कूलों ने पुस्तक विक्रेताओं एवं प्रकाशकों के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपए का वारे-न्यारे किए हैं. मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 में निजी विद्यालयों की फीस वृद्धि को लेकर नियम बना दिए गए थे किन्तु इन स्कूल संचालकों ने फीस वृद्धि के नियमों को दरकिनार कर मनमानी तरीके से फीस बढ़ा दी. जबलपुर के क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल, ज्ञान गंगा स्कूल स्टम्फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, लिटिल वर्ल्ड स्कूल, चैतन्य स्कूल, सेंट अलॉयसियस स्कूल सालीवाडा, सेंट अलॉयसियस घमापुर, सेंट सदर एवं क्राइस्ट चर्च घमापुर सम्मिलित हैं. कलेक्टर के अनुसार, इन विद्यालयों ने अभिभावकों से अपराधिक घटनाक्रम को अंजाम दिया है. इसलिए जबलपुर शहर के 9 थानों में इन स्कूल संचालकों के खिलाफ धारा 420, 471 और 472 के तहत FIR दर्ज की गई है. इस पूरे मामले में 80 लोगों को आरोपी बनाया गया है. 

पुलिस अधीक्षक (SP) आदित्य प्रताप के अनुसार, FIR दर्ज करने के पश्चात् अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, बाकी लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सबसे विशेष बात यह है कि कलेक्टर ने अभिभावकों को भी अपनी फीस वापसी का रास्ता दिखा दिया है. अभिभावक जिला प्रशासन के पास आवेदन कर अपनी खाते में फीस वापस भी ले सकते हैं.  

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