मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महज दो हफ्ते शेष रहते हुए भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (पवार गुट) के महागठबंधन 'महायुति' ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में राज्य के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए अनेक वादे किए गए हैं। घोषणापत्र की टैगलाइन "काम हो गया, अब अगली तैयारी" है, जो महायुति के कार्यकाल में की गई उपलब्धियों के बाद आगे की योजनाओं को स्पष्ट करती है।
महायुति के घोषणापत्र में महिलाओं के लिए कई योजनाओं का उल्लेख है, जिनमें मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के तहत दी जा रही वित्तीय सहायता राशि में वृद्धि शामिल है। इस योजना के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये दिए जा रहे थे, जिसे अब बढ़ाकर 2100 रुपये करने का वादा किया गया है। इस योजना ने महाराष्ट्र में व्यापक लोकप्रियता हासिल की है, और अब तक ढाई करोड़ महिलाओं ने इसके तहत पंजीकरण कराया है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, चुनावी अवधि के दौरान इस योजना का कार्यान्वयन निलंबित कर दिया गया है, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनता को आश्वासन दिया है कि योजना का संचालन किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होगा।
घोषणापत्र में महिला कल्याण के अतिरिक्त, पुलिस फोर्स में 25,000 महिलाओं की भर्ती का वादा भी किया गया है। इससे महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास है। इसके अलावा, महिलाओं को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से महायुति ने महिलाओं के सशक्तिकरण को अपने घोषणापत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है।
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भी घोषणापत्र में कई प्रमुख वादे किए गए हैं। महायुति ने किसानों की सम्मान राशि को 12,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये सालाना करने की घोषणा की है, जिससे किसानों को अधिक वित्तीय सहायता मिल सके। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 20% सब्सिडी का प्रस्ताव भी किया गया है, ताकि किसानों पर वित्तीय दबाव कम किया जा सके। इसके साथ ही, किसान कर्ज माफी का वादा भी किया गया है, जिससे राज्य में कृषि को एक लाभकारी और टिकाऊ क्षेत्र में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है। घोषणापत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कृषि क्षेत्र को बंजर भूमि, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए और अधिक लचीला और समृद्ध बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
इसके अलावा, महायुति गठबंधन ने राज्य के कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने का भी संकल्प लिया है। विशेष रूप से, आंगनवाड़ी और आशा सेविकाओं जैसे जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए वेतन में वृद्धि का वादा किया गया है। घोषणापत्र के अनुसार, इन कर्मचारियों को 15,000 रुपये का मासिक वेतन और बीमा कवर प्रदान किया जाएगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और उन्हें बेहतर सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में भी महायुति ने अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। राज्य के 45,000 गांवों में सड़कों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सके। सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने का वादा किया गया है, जिससे बिजली के बिलों में 30% की कमी लाई जाएगी। यह पहल न केवल ऊर्जा की बचत में सहायक होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।
घोषणापत्र में "विजन महाराष्ट्र @ 2029" के अंतर्गत राज्य के सतत विकास, आर्थिक प्रगति और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित एक दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। महायुति ने सरकार बनने के पहले 100 दिनों के भीतर इस विजन को लागू करने का संकल्प लिया है। इस विजन के अंतर्गत अटल सेतु, समृद्धि राजमार्ग, और मुंबई, पुणे, नागपुर में मेट्रो परियोजनाओं जैसी विकास परियोजनाओं को पूरा करने का वादा किया गया है। ये परियोजनाएं राज्य के बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, और आने वाले समय में भी विकास की इस गति को बनाए रखने का लक्ष्य है।
इस घोषणापत्र के जरिए महायुति ने एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो राज्य के विकास, रोजगार के अवसरों में वृद्धि, और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। महायुति का यह घोषणापत्र चुनाव में मतदाताओं के सामने उनकी व्यापक योजनाओं और प्रदेश को आगे ले जाने के संकल्प का एक दस्तावेज प्रस्तुत करता है।
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