जिस लिंगायत समुदाय ने गत वर्ष नवम्बर में कर्नाटक की राजनीति में अलग धर्म बनाये जाने लो लेकर प्रस्ताव रखा था, उसे अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है. इस मांग को लेकर पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि लिंगायत का हिन्दू धर्म से इतर एक अल्पसंख्यक धर्म के रूप में मांग करना राजनैतिक खेल है. यह कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है.
गौरतलब है कि नवम्बर 2017 में लिंगायत महासभा ने कर्नाटक सरकार से 30 दिसंबर तक केंद्र को समुदाय के लिए अल्पसंख्यक दर्जा देने की सिफारिश करने को कहा था. जिसे अब जाकर कांग्रेस सरकार ने हरी झंडी प्रदान कर दी है. आपको बता दे कि, लिंगायत समुदाय के रीति-रिवाज कुछ हद तक हिन्दू रीत-रिवाजों से मेल खाते है, लिंगायत समाज पहले हिन्दू वैदिक धर्म का ही पालन करता था, लेकिन कुछ कुरीतियों को दूर करने और उनसे बचने के लिए लिंगायत संप्रदाय की स्थापना की गई.
कर्नाटक के मुखिया सिद्धारमैया ने लिंगायत समुदाय के लोगों को अलग धर्म स्थापित करने की मंजूरी प्रदान कर दी है. आपको बता दे कि लिंगायत समुदाय लंबे समय से सरकार से मांग कर रहा था कि उसे हिंदू धर्म से अलग घोषित किया जाए.
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