नई दिल्ली: कुश्ती की विश्व नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने आज गुरुवार (24 अगस्त ) को "समय पर चुनाव कराने में विफलता" के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की सदस्यता निलंबित कर दी। यह फैसला भारत में खेलों के लिए एक बड़ा झटका है। इसके निलंबन के बाद, भारत के पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में 'तटस्थ एथलीटों' के रूप में प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
बता दें कि, WFI पिछले कुछ महीनों से अपने पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों और भारत के शीर्ष पहलवानों के लंबे विरोध प्रदर्शन के कारण चुनाव में देरी को लेकर विवादों में घिरा हुआ है। हालाँकि, बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस को कोई ठोस सबूत तो नहीं मिले हैं, लेकिन जो लम्बे समय तक हल्ला मचा, उससे चुनाव में जरूर देरी हो गई और अब WFI की सदस्यता चली गई है। बता दें कि, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने अप्रैल में कुश्ती महासंघ के मामलों को चलाने के लिए एक तदर्थ समिति नियुक्त की थी, जिसमें 45 दिनों में नए चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद से इसमें कई दफा देरी हो चुकी है। भारत में स्थिति को "बड़ी चिंता के साथ" ध्यान में रखते हुए, UWW ने मई में एक बयान में चेतावनी दी थी कि अगर चुनाव के लिए 45 दिन की समय सीमा का सम्मान नहीं किया गया तो निलंबन की संभावना हो सकती है।
UWW ने अपने मई के बयान में कहा था कि, 'ऐसा करने में विफल रहने पर UWW को महासंघ को निलंबित करना पड़ सकता है, जिससे एथलीटों को तटस्थ ध्वज के तहत प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह याद दिलाया जाता है कि UWW ने इस साल की शुरुआत में नई दिल्ली में योजनाबद्ध एशियाई चैम्पियनशिप को फिर से आवंटित करके इस स्थिति में पहले ही उपाय कर लिया था।' मूल रूप से, WFI को 7 मई को चुनाव कराने थे लेकिन केंद्रीय खेल मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया था। बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद चुनाव में कई बार देरी हो चुकी है।
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