उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका! अब छूट सकता है सांसदों का साथ

उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका! अब छूट सकता है सांसदों का साथ
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मुंबई:  महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के लिए परेशानी और भी ज्यादा बढ़ती चली जा रही है। पहले हाथ से सत्ता निकल गई वहीं अब पार्टी को बचाने की जद्दोजहद अब भी देखने के लिए मिल रही है। इसमें हर रोज नया मोड़ देखने के लिए मिल जाता है। अब खबर है कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट ने शिवसेना की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी (Shiv Sena National Executive) का एलान किया है। एकनाथ शिंदे गुट ने पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग कर दिया। शिवसेना के मुख्य नेता के तौर पर सीएम एकनाथ शिंदे को चुन लिया गया। 

शिवसेना पक्ष प्रमुख पद के साथ किसी भी तरह की कोई भी छेड़छाड़ नहीं की गई है। विधायक दीपक केसरकर की प्रवक्ता के तौर पर नियुक्ति की गई है। शिवसेना नेता के तौर पर रामदास कदम और आनंदराओ अडसूल को भी नियुक्त किया जा चुका है। शिवसेना के उप नेता के तौर पर यशवंत यादव गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंक्षे, तानाजी सावंत, विनय नाहटा, शिवाजीराव पाटिल का चयन कर लिया गया। 

शिवसेना के कई सांसद शिंदे गुट की बैठक में हुए शामिल: जिसके साथ सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि मुंबई के ट्राइडेंट होटल में शिवसेना शिंदे गुट की बैठक में शिवसेना के 13-14 सांसद ऑनलाइन आए हुए थे। गौरतलब है कि पहले ही शिवसेना के 55 विधायक 2 गुटों में बंट चुके हैं। सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे को 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि 15 विधायक पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हैं। वहीं अब शिंदे गुट ने 12-14 सांसदों के साथ आने का दावा भी किया गया है। 

उद्धव ठाकरे ने भी की थी सांसदों के साथ बैठक: एक सप्ताह पूर्व ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के सांसदों की बैठक का आयोजन किया गया। ये बैठक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर की गई थी। अधिकतर शिवसेना सांसदों ने NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की बात कही थी। इस बैठक में शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 ने हिस्सा लिया था। हालांकि शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया था कि 18 लोकसभा सदस्यों में से 15 ने उद्धव ठाकरे के निजी आवास पर हुई बैठक में हिस्सा लिया था। 

सांसदों के सुझाव के बाद किया था द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का एलान: खबरों का कहना है कि सांसदों के सुझाव को मानते हुए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करने की घोषणा भी कर दी है। क्योंकि पहले ही बागी विधायकों की वजह से उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता पूरी तरह से निकल चुकी है। इसलिए वो अब पार्टी बचाने के लिए सांसदों का साथ चाहते हैं। बता दें कि, महाराष्ट्र (Maharashtra) में 18 लोकसभा के सांसदों के साथ साथ, केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव से कलाबेन डेलकर भी शिवसेना (Shiv Sena) सांसद हैं। वहीं राज्यसभा (Rajya Sabha) में भी शिवसेना के 3 सांसद हैं। 

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